ताजा खबर

Movie Review - झुंड



फुटबाल के बहाने खेल-खेल में 'जिंदगी' समझा जाती है 'झुंड'

Posted On:Monday, April 18, 2022


बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) एक बार फिर से पर्दे पर छाने के लिए तैयार है और वो अपनी फिल्म ‘झुंड’ (Jhund) को लेकर खासे चर्चा में हैं. बता दें कि कोरोना काल के बाद अमिताभ की ये पहली फिल्म है जो बड़े पर्दे पर आएगी. अमिताभ बच्चन स्टारर ‘झुंड’ (Jhund Movie Review) 4 मार्च को रिलीज हुयी है, ऐसे में अगर आप एक स्पोर्ट्स फिल्म देखना पसदं करते हैं तो ये फिल्म आपके लिए ही है. बता दें कि ये फिल्म असल जिंदगी पर आधारित है और ये फिल्म ‘स्लम सॉकर’ (Slum Soccer) एनजीओ चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विकास बरसे के जीवन पर आधारित है, जिसका निर्देशन मराठी हिट फिल्म ‘सैराट’ के डायरेक्टर नागराज मंजुले ने किया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर क्या है इसकी कहानी.

क्या है फिल्म की कहानी

कहानी है नागपुर शहर की, झोपड़ पट्टी में रहने वाले कुछ लड़कों की जो दिन रात नशे में डूबे रहते है पर नशे के बाद जो उनका सबसे बड़ा शौक है वो है खेल का और उसमें भी फुटबॉल उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है, विजय बोराडे (अमिताभ बच्चन) जो की एक जाने माने कोच है, जब उनकी नजर कॉलेज के बाहर झुग्गी बस्ती के इन बच्चों पर जाती है तो वो ठान लेते हैं कि वह इन बच्चों को सही रास्ता दिखाएंगे. फुटबॉल खेलने के लिए पहले वह बच्चों को पैसों की लालच देते हैं, फिर बाद में खेल को आदत बना देते हैं. धीरे धीरे वहीं बच्चे सभी बुरी आदतों को छोड़ फुटबॉल के बारे में सोचने लगते हैं। अपनी कड़ी मेहनत और लग्न से विजय बोराडे उन बच्चों को शानदार खिलाड़ी बना देते हैं.

कैसी है एक्टिंग

फ़िल्म की कहानी में नयापन नहीं है यह भी एक अंडर डॉग के जीतने की कहानी है लेकिन इस कहने का अंदाज़ ना सिर्फ नया है बल्कि बहुत दिलचस्प भी है. जो इस तीन घंटे की फ़िल्म से आपको जोड़े रखता है. निर्देशक नागराज मंजुले सामाजिक मुद्दों को अपनी फिल्मों में बेबाकी से सामने लाने के लिए जाते हैं. खामियों की बात करें तो सेकेंड हाफ में कहानी थोड़ी लंबी खींच गयी है. अभिनय के पहलू पर बात करें तो अमिताभ बच्चन एक बार फिर शानदार रहे हैं औऱ बतौर कोच वो हर पल खरे उतरे हैं.

क्यों देखें फिल्म

अगर आप स्पोर्ट्स ड्रामा लवर हैं तो आपको ये पिल्म अच्छी लगेगी, खास बात ये है कि नागराज मंजुले ने इस फिल्म के जरिए एक समाजिक मुद्दा उठाया है. हमारे देश भारत में रह रहे दो अलग अलग दुनिया की दीवार को तोड़कर मिलाने की कोशिश की है. इस फिल्म में कई मुद्दों को उठाया गया है, जिसमें जाति विभाजन, महिलाओं के अधिकार, समाज की जजमेंट शामिल है.


चण्डीगढ़ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !


मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. chandigarhvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.