फ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार, 16 दिसंबर की सुबह भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रही। मिले-जुले ग्लोबल संकेतों के बीच दलाल स्ट्रीट पर बिकवाली का भारी दबाव देखने को मिला, जिसके कारण बाजार की शुरुआत ही कमजोर रही। शुरुआती कारोबार में आई चौतरफा गिरावट के चलते निफ्टी 26,000 के अहम मनोवैज्ञानिक स्तर को भी नहीं बचा पाया और नीचे फिसल गया।
लाल निशान में खुला बाजार
कारोबार की शुरुआत बेहद सुस्त रही और प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में गहरे उतर गए:
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बीएसई का सेंसेक्स (Sensex): शुरुआती मिनटों में ही 325.76 अंक टूट गया और 0.38 फीसदी की गिरावट के साथ 84,887.60 के स्तर पर आ गया।
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एनएसई निफ्टी (Nifty): यह भी संभल नहीं सका और 99 अंकों की गिरावट के साथ 25,928.30 पर ट्रेड करता दिखा।
बाजार की चाल को गहराई से देखें तो गिरावट का दायरा काफी व्यापक था। ट्रेडिंग सेशन के दौरान करीब 1226 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि केवल 896 शेयर ही हरे निशान में अपनी जगह बना पाए। निफ्टी के सभी प्रमुख सेक्टर इंडेक्स लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे, जो बाजार में चौतरफा कमजोरी का स्पष्ट संकेत है।
दिग्गज शेयरों पर दबाव
बिकवाली के इस माहौल में दिग्गज शेयरों (Blue-chip stocks) पर भी भारी दबाव देखा गया। एक्सिस बैंक (Axis Bank), श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance), हिंडाल्को (Hindalco), टाइटन कंपनी (Titan Company) और मैक्स हेल्थकेयर (Max Healthcare) जैसे बड़े नाम गिरावट दर्ज करने वालों में शामिल रहे। हालांकि, इस गिरते बाजार में भी अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals) और एसबीआई (SBI) जैसे कुछ शेयरों ने मजबूती दिखाई और वे गेनर्स की लिस्ट में शामिल रहे।
रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर
सिर्फ शेयर बाजार ही नहीं, बल्कि करेंसी मार्केट से भी चिंताजनक खबर आई। मंगलवार को भारतीय रुपया (INR) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर (All Time Low) पर खुला।
रुपये की यह कमजोरी भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेषकर आयातकों (Importers) के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे आयात महंगा हो जाता है, जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा होता है। शुरुआती कारोबार में रुपये ने 90.7500 से लेकर 90.8690 के बीच का रेंज दिखाया।
एशियाई बाजारों में कोहराम
भारतीय बाजार की इस गिरावट के पीछे विदेशी बाजारों में बिकवाली प्रमुख कारण रही। एशियाई बाजारों में आज भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे घरेलू निवेशकों का सेंटिमेंट कमजोर हुआ।
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गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) पहले ही 86 अंकों की गिरावट के साथ कमजोरी का संकेत दे रहा था।
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जापान का निक्केई इंडेक्स 738 अंकों की भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
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हांगकांग के ** हैंग सेंग** और कोरियाई बाजार कॉस्पी में करीब 2 फीसदी से ज्यादा की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
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ताइवान के बाजार में भी 477 अंकों से ज्यादा की बिकवाली रही।
वैश्विक मंदी की आशंकाओं और ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता ने एशियाई बाजारों में घबराहट पैदा कर दी है, जिसका सीधा असर भारत के वित्तीय बाजार पर भी पड़ा है।