मुंबई, 02 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने भारत पर आरोप लगाया है कि उसका देश पाकिस्तान से नजदीकी का बदला वैश्विक मंचों पर ले रहा है। यह टिप्पणी उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात में की। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने अजरबैजान की SCO सदस्यता की दावेदारी को खारिज कर दिया है और इसके पीछे पाकिस्तान से नजदीकी को कारण बताया जा रहा है। दरअसल मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चलाकर 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस कार्रवाई के बाद अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत के कदम की निंदा की थी। इसके कुछ समय बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख आसिम मुनीर और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ अजरबैजान पहुंचे थे और राष्ट्रपति अलीयेव का आभार जताया था।
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागोर्नो-कराबाख विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। पाकिस्तान और तुर्किये अजरबैजान का समर्थन करते हैं, वहीं अजरबैजान कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता है। जुलाई 2024 में पाकिस्तान दौरे के दौरान अलीयेव ने कश्मीर में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया था, जिसे भारत ने अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया था। इसके बाद भारत ने आर्मेनिया के साथ रक्षा सहयोग तेज किया और जुलाई 2023 में पिनाक रॉकेट लॉन्चर का पहला शिपमेंट डिलिवर किया। SCO समिट के दौरान चीन ने अजरबैजान की सदस्यता का समर्थन किया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अलीयेव से मुलाकात कर उनके दावे के पक्ष में बयान दिया। फिलहाल अजरबैजान SCO का डायलॉग पार्टनर है। इस संगठन में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान पूर्ण सदस्य हैं। भारत 2005 से SCO से जुड़ा और 2017 में अस्ताना सम्मेलन में इसे पूर्ण सदस्यता मिली।