ताजा खबर

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2024: 21 या 22 नवंबर, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Photo Source :

Posted On:Tuesday, November 19, 2024

सनातन धर्म के लोग भगवान श्रीकृष्ण में विशेष आस्था रखते हैं। भक्त भगवान कृष्ण के प्रति अपना प्रेम और आस्था व्यक्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। उन्हें खुश करने के लिए वे उनकी पसंदीदा चीजों का आनंद लेते हैं। इसके अलावा कई लोग भगवान कृष्ण की विशेष कृपा पाने के लिए भी व्रत रखते हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इसलिए हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का मासिक त्योहार मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण के साथ राधा रानी की पूजा करने से साधक को देवी-देवताओं से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में धन, वैभव, सुख और शांति आती है। आइए जानते हैं कि साल 2024 के नवंबर महीने में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत किस दिन रखा जाएगा। साथ ही आप जानेंगे श्री कृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में भी।

नवंबर में मासिक जन्माष्टमी कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर 2024 को शाम 06:07 बजे शुरू हो रही है, जो अगले दिन 23 नवंबर 2024 को शाम 07:56 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 22 नवंबर 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

22 नवंबर 2024 का शुभ दिन
सूर्योदय- प्रातः 06:50 बजे
चंद्रोदय- रात्रि 11:41 बजे
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह: 05:02 मिनट से 05:56 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:53 मिनट से 02:35 मिनट तक
अमृत ​​काल- दोपहर 03:27 बजे से शाम 05:10 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:22 मिनट से 05:49 मिनट तक
मासिक जन्माष्टमी पूजा विधि
व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
स्नान आदि करने के बाद शुद्ध लाल वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर में एक चौकी रखें। इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछा दें।
भगवान कृष्ण की मूर्ति को कपड़े पर स्थापित करें।
मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं और संकल्प लें।
श्री कृष्ण की मूर्ति को पंचामृत या गंगाजल से स्नान कराएं।
श्रीकृष्ण को नए वस्त्र पहनाकर उनका श्रृंगार करें।
रोली से कृष्ण जी का तिलक करें।
भगवान को तुलसी के पत्ते, छाछ, फल और फूल चढ़ाएं। इस दौरान कृष्ण जी के मंत्रों का जाप करें।
अंत में आरती करके पूजा समाप्त करें।


चण्डीगढ़ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. chandigarhvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.