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क्या कांग्रेस से पूरी तरह अलग हो रहे थरूर? अहम बैठकों से दूरी-PM की तारीफ, कई हैं कारण

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Posted On:Monday, December 1, 2025

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और जाने-माने लेखक शशि थरूर इन दिनों अपने बयानों और पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों से गैरमौजूदगी के चलते राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र की रणनीति पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी के नेतृत्व में बुलाई गई कांग्रेस के रणनीतिक समूह की बैठक में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। इससे पहले SIR (संसद में सुरक्षा उल्लंघन) जैसे गंभीर मुद्दे पर बुलाई गई पार्टी बैठक से भी वह नदारद थे।

थरूर के इन बदले हुए तेवरों ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों को यह कयास लगाने पर मजबूर कर दिया है कि वह कांग्रेस पार्टी से धीरे-धीरे दूरी बना रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में उनके कई बयानों से यह स्पष्ट हुआ है कि उनकी विचारधारा पार्टी लाइन से अलग होती जा रही है।

पीएम मोदी की तारीफ से कांग्रेस में खलबली

हाल ही में थरूर ने एक सार्वजनिक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की खुलकर प्रशंसा की, जिससे कांग्रेस के अंदर खलबली मच गई। रामनाथ गोयनका लेक्चर में उन्होंने नरेंद्र मोदी के भाषण को 'आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक आह्वान' करार दिया। थरूर ने भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की गौरवशाली विरासत पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की।

गौर करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री की प्रशंसा वाले पोस्ट पहले भी उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर दिखाई दिए हैं। पीएम मोदी के बारे में उनकी टिप्पणियों के बाद उन्हें कांग्रेस के अन्य नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए। आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि आप सांसद हैं?"

इसके अलावा, थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा की थी और पाकिस्तान संघर्ष के दौरान भारत सरकार के कदमों की सराहना की थी, जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस दौरान सरकार पर कई सवाल खड़े किए थे।

वंशवाद पर हमला, पार्टी पर निशाना

2009 से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनने वाले शशि थरूर अब कांग्रेस की ही आलोचना करते दिख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा था कि सभी पॉलिटिकल पार्टियों में वंशवाद की राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि भारत वंशवाद को मेरिटोक्रेसी (योग्यता तंत्र) से बदले।

थरूर के इस बयान को कांग्रेस पर एक सीधा हमला माना गया, क्योंकि पार्टी पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तुरंत इस बयान का समर्थन किया। BJP प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा कि थरूर ने "भारत के नेपो किड राहुल और छोटे नेपो किड तेजस्वी यादव पर सीधा हमला किया है।"

शशि थरूर का पार्टी की बैठकों से दूर रहना और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्रशंसा व्यक्त करना, साफ संकेत देता है कि वह अब अपने लिए एक अलग राजनीतिक राह तलाश रहे हैं, जो उन्हें कांग्रेस की पारंपरिक रणनीति से अलग करती है।


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