चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस में आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में चंडीगढ़ की CBI कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तत्कालीन IG जहूर एच जैदी सहित 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया है। यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब पुलिस कस्टडी में सूरज की संदिग्ध मौत हो गई थी, और आरोप थे कि पुलिस ने उसे अत्याचार का शिकार बनाया।
दोषियों में IG जहूर एच जैदी के साथ-साथ ठियोग के तत्कालीन DSP मनोज जोशी, SI राजिंदर सिंह, ASI दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा शामिल हैं। इन पुलिस अधिकारियों पर आरोप साबित हुए हैं कि इन्होंने सूरज को पुलिस कस्टडी में यातनाएं दीं, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
इस मामले में शिमला के तत्कालीन SP डीडब्ल्यू नेगी को कोर्ट ने बरी कर दिया, जिससे यह मामला और भी विवादित हो गया। CBI ने इस पूरे मामले की जांच की और 9 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। इन पुलिसकर्मियों पर आरोप था कि इन्होंने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए सूरज को टॉर्चर किया और उसकी मौत का कारण बने।
गुड़िया रेप और मर्डर केस 2017 में हुआ था, जब कोटखाई में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ रेप और हत्या का मामला सामने आया था। पुलिस ने सूरज नामक युवक को इस मामले का आरोपी ठहराया था, लेकिन उसकी कस्टडी में मौत हो गई। मामले में आरोप थे कि पुलिस ने सूरज को बेहरहमी से टॉर्चर किया, जिसके बाद उसकी जान चली गई।
इस मामले की सुनवाई अब अंतिम चरण में है, और दोषियों को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। यह निर्णय न केवल पुलिस के ऊपर विश्वास को तोड़ने वाला है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि ऐसे मामलों में किसी को भी बचने नहीं दिया जाएगा।