चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: वाईपीएस चौक पर बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को आज दो साल पूरे हो गए हैं। 7 जनवरी 2023 को शुरू हुए इस धरने के बाद से प्रदर्शनकारी लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारी अभी भी वहीं पर डटे हुए हैं और उनका मुख्य उद्देश्य बंदी सिखों की रिहाई है। यह धरना चंडीगढ़ और मोहाली के बीच के बॉर्डर पर स्थित वाईपीएस चौक पर आयोजित किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने एक दिन पहले ही प्रशासन को धरने की सूचना दी थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने यहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुख्ता प्रबंध करते हुए बैरिकेड्स लगाए गए हैं और रास्तों को डायवर्ट किया गया है ताकि ट्रैफिक की आवाजाही में कोई रुकावट न हो। हालांकि, इस प्रदर्शन के कारण यातायात व्यवस्था में भारी असर पड़ा है।
प्रदर्शनकारी लगातार इस बात पर अड़े हैं कि जब तक बंदी सिखों की रिहाई नहीं होती, वे अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे। पिछले एक साल तक दोनों ओर के रास्ते बंद थे, जिससे चंडीगढ़ और मोहाली आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, मोहाली पुलिस और प्रशासन की ओर से हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद एक तरफा रास्ता खोल दिया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों से पीछे नहीं हटे हैं।
मोहाली और चंडीगढ़ पुलिस दोनों ही इस प्रदर्शन के मद्देनजर अलर्ट पर हैं। वाईपीएस चौक को मंगलवार को एक छावनी में तब्दील कर दिया गया है, जहां एसएसपी मोहाली दीपक पारिख सहित पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। वे स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयार हैं।
प्रदर्शनकारी अब मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की धमकी दे रहे हैं। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मोहाली पुलिस ने सभी थानों के एसएचओ को तैनात करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने धरनास्थल और आसपास के इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है और कोई भी असामाजिक तत्व घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश नहीं कर सके, इस पर ध्यान दिया जा रहा है।
मंगलवार सुबह से ही पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। कमांडो, होमगार्ड और दंगा रोधी पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। करीब 2500 से ज्यादा पुलिसकर्मी सड़कों पर सुरक्षा में तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की हिंसा या अराजकता को रोका जा सके। इसके अलावा, पुलिस ने धरने के आसपास के सभी इलाकों में कड़ी निगरानी रखी है।
2023 में 9 फरवरी को इस धरने के दौरान पुलिस और कौमी इंसाफ मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। इस संघर्ष में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने मोर्चे के 7 प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस घटना के बाद से पुलिस की तरफ से और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था अपनाई जा रही है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे इस धरने को खत्म नहीं करेंगे। उनका दावा है कि उनके प्रदर्शन का उद्देश्य केवल एक न्यायपूर्ण कारण को लेकर है और वे सरकार से बंदी सिखों की रिहाई की तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।