चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर के नियोनेटोलॉजी यूनिट (NNN-ICU) में शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर पर एक नवजात शिशु की देखभाल करने वाले परिजनों ने हमला कर दिया। यह नवजात प्रभलीन कौर का बच्चा है, जो एनएनएन-आईसीयू में इलाजरत है। घटना की जानकारी मिलते ही एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (ARD) के सदस्य मौके पर पहुंचे और घायल डॉक्टर को फौरन प्राथमिक उपचार दिलाया। साथ ही हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (ARD) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह हमला न केवल एक व्यक्ति पर, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की गरिमा पर प्रहार है। एआरडी के अध्यक्ष डॉ. विष्णु जिंजा ने सख्त शब्दों में कहा, "डॉक्टर इलाज के लिए होते हैं, मारपीट सहने के लिए नहीं। अगर हम इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज करेंगे, तो इसका असर पूरे हेल्थकेयर सिस्टम पर पड़ेगा।" उन्होंने ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की बात कही।
घटना के बाद एआरडी प्रतिनिधिमंडल ने पीजीआई के निदेशक से मुलाकात की और पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी। निदेशक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। डॉ. जिंजा ने सुरक्षा सुधार को लेकर कई अहम सुझाव भी दिए, जिनमें संवेदनशील इकाइयों में सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती, मरीज के परिजनों की सीमित एंट्री और सीसीटीवी निगरानी को बेहतर बनाना शामिल था।
एआरडी ने स्पष्ट कर दिया कि डॉक्टरों की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं, तो वे सभी कानूनी और संवैधानिक कदम उठाने को मजबूर होंगे। एसोसिएशन ने प्रशासन से अपील की कि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, ताकि डॉक्टर बिना किसी डर के मरीजों की सेवा कर सकें।