अर्जेंटीना के महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी (Lionel Messi) हाल ही में तीन दिवसीय भारत दौरे पर थे, जिसने भारतीय खेल प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह भर दिया। संयुक्त राष्ट्र के बाल संगठन यूनिसेफ (UNICEF) के ब्रांड एंबेसडर के रूप में, मेसी अपने 'GOAT इंडिया' टूर के तहत भारत आए, जिसका मुख्य उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना था। इस दौरे की शुरुआत पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से हुई, जहाँ मेसी की एक झलक पाने के लिए प्रशंसक बेताब थे।
मेसी का कोलकाता आगमन और फैंस का जोश
मेसी अपने दौरे के दौरान कोलकाता के प्रतिष्ठित सॉल्ट लेक स्टेडियम (Salt Lake Stadium) पहुँचे, जो उनके भारतीय प्रशंसकों के लिए एक अविस्मरणीय पल था। सुबह से ही, हजारों की संख्या में फैंस अपने चहेते सुपरस्टार को देखने के लिए स्टेडियम के बाहर और अंदर जमा हो गए थे। प्रशंसक मेसी के नाम के नारे लगा रहे थे, अर्जेंटीना की जर्सी लहरा रहे थे, और उनके पैरों की जादूगरी को करीब से देखने की उम्मीद लिए इंतजार कर रहे थे। इस दौरान स्टेडियम में एक त्योहार जैसा माहौल था, जहाँ हर तरफ केवल जुनून और उत्साह ही दिखाई दे रहा था।
स्टेडियम में व्यवस्था और फैंस का गुस्सा
हालाँकि, यह उत्साह जल्द ही निराशा और फिर हंगामे में बदल गया। जैसे ही मेसी मैदान पर दिखाई दिए, फैंस का जोश चरम पर पहुँच गया। मेसी की एक झलक को कैमरे में कैद करने और उन्हें करीब से देखने की होड़ में, बड़ी संख्या में प्रशंसक स्टेडियम की बैरिकेडिंग पर चढ़ने की कोशिश करने लगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सॉल्ट लेक स्टेडियम में खराब व्यवस्था के कारण फैंस का गुस्सा फूट पड़ा। भीड़ को नियंत्रित करने और सुचारु दर्शन की व्यवस्था ठीक से नहीं हो पाई, जिसके कारण अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। फैंस का धैर्य तब और जवाब दे गया जब उन्हें लगा कि उन्हें मेसी को ठीक से देखने का मौका नहीं मिल रहा है।
इस दौरान, कुछ नाराज प्रशंसकों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने स्टेडियम की कुर्सियाँ फेंकना शुरू कर दिया, और मैदान में पानी की बोतलें भी फेंकी गईं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
जल्दी वापस जाने से फैंस में नाराजगी
गुस्से का एक और मुख्य कारण यह था कि लियोनेल मेसी अपने कार्यक्रम के अनुसार जल्दी मैदान से वापस चले गए। कई फैंस जो मेसी को लंबे समय तक देखना चाहते थे या उम्मीद कर रहे थे कि वह कोई अभ्यास सत्र या प्रदर्शनी मैच खेलेंगे, उन्हें निराशा हुई। सुपरस्टार के जल्दी वापस जाने से उनके जुनून में खलल पड़ा और कई प्रशंसक इससे नाखुश नजर आए।
इस घटना ने एक ओर जहाँ भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के जबरदस्त जुनून को दर्शाया, वहीं दूसरी ओर बड़े इवेंट्स के दौरान भीड़ प्रबंधन और व्यवस्था बनाए रखने की चुनौतियों को भी उजागर किया। मेसी का भारत दौरा भले ही यूनिसेफ के एक नेक पहल के तहत हुआ हो, लेकिन कोलकाता में हुए इस हंगामे ने आयोजकों और खेल प्रशासन के लिए भविष्य के आयोजनों के लिए एक बड़ा सबक छोड़ा है।