प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आज दुनिया भारत की बात सुनती है। उन्होंने कहा कि देश की विरासत के कारण ही वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताने में सक्षम है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में निहित है। भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत न केवल लोकतंत्र की जननी है, बल्कि लोकतंत्र यहां लोगों के जीवन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की बात सुनती है, जो न केवल अपने विचारों को बल्कि वैश्विक दक्षिण के विचारों को भी मजबूती से प्रस्तुत करता है।
उन्होंने कहा, "अपनी विरासत की ताकत के कारण ही भारत दुनिया को यह बताने में सक्षम है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध (शांति) में निहित है।" मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा प्रवासी भारतीयों को उन देशों में भारत का राजदूत माना है, जहां वे रहते हैं। उन्होंने कहा, "हम संकट की स्थिति में अपने प्रवासी भारतीयों की मदद करना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं, चाहे वे कहीं भी हों।" प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में आजादी में प्रवासी भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई थी और उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने में उनकी मदद मांगी। उन्होंने कहा कि भारत न केवल युवा देश है, बल्कि कुशल युवाओं का देश भी है। मोदी ने दुनिया भर में कुशल श्रमिकों की मांग का जिक्र करते हुए कहा, "सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि जब भी भारतीय युवा विदेश जाएं, तो वे कौशल के साथ जाएं।" उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत की विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में जी-20 बैठकें आयोजित की गईं। उन्होंने कहा, "हमें विविधता सीखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा जीवन विविधता से ही चलता है।"