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पितृ दोष से चाहते हैं छुटकारा पाना तो वैशाख अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम, पूर्वज बरसाएंगे अपनी कृपा

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Posted On:Thursday, April 17, 2025

27 अप्रैल 2025 को वैशाख अमावस्या मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह दिन पितरों की कृपा प्राप्त करने और पितृ दोष से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है। धर्मग्रंथों के अनुसार, अमावस्या का दिन देवताओं और पूर्वजों की पूजा-अर्चना के लिए विशेष फलदायी होता है। इस दिन तर्पण, श्राद्ध, दान और स्नान जैसे कार्य करने से पितृ दोष का शमन होता है और घर-परिवार में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि वैशाख अमावस्या पर क्या विशेष उपाय करने चाहिए जिससे पितरों की कृपा प्राप्त हो और जीवन की बाधाएं दूर हों।


🌿 पीपल के पेड़ की पूजा

हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को अत्यंत पवित्र और दिव्य माना गया है। मान्यता है कि इस पेड़ में त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है, साथ ही यह पितृलोक का भी प्रतीक माना गया है। वैशाख अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान कर पीपल के पेड़ की जड़ में काले तिल और जल अर्पित करें।

🔸 शाम के समय पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाकर दीपदान करें।
🔸 इस उपाय से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
🔸 मान्यता है कि इससे पूर्वज प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।


🍽️ ब्राह्मणों को भोजन कराएं

पितृ दोष से मुक्ति के लिए यह उपाय सबसे अधिक प्रभावी माना गया है। वैशाख अमावस्या के दिन स्नान और संकल्प के पश्चात पितरों के नाम पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें।

🔸 भोजन में विशेष रूप से खीर, पूड़ी, सब्जी और मौसमी फल शामिल करें।
🔸 दान में वस्त्र, दक्षिणा, तिल, आटा, और पंचमेवा देना शुभ माना गया है।
🔸 ऐसा करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और वंशजों पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।


🛐 अमावस्या के दिन करें पितरों का तर्पण

अमावस्या तिथि पितरों को तर्पण और पिंडदान करने के लिए आदर्श दिन होती है। वैशाख अमावस्या पर किसी पवित्र नदी या जलस्रोत के पास तर्पण करें।

🔸 तर्पण करते समय ‘पितृ स्वाहा’ मंत्र का जाप करें।
🔸 अगर नदी जाना संभव न हो, तो घर पर ही शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर तांबे के लोटे से तर्पण करें।
🔸 इस दिन कौवे, कुत्तों और गाय को भोजन कराने की भी परंपरा है, क्योंकि इन्हें पितरों का प्रतिनिधि माना गया है।


🤲 अमावस्या पर करें पुण्य दान

दान का महत्व हर शुभ कार्य में बताया गया है, लेकिन अमावस्या के दिन किया गया दान विशेष फलदायी होता है। वैशाख अमावस्या पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, तेल और पैसे का दान करें।

🔸 किसी भी जरूरतमंद या गरीब व्यक्ति को भोजन करवाना या भिक्षा देना पितृ दोष निवारण का सरल उपाय है।
🔸 अन्नदान, अर्घ्यदान, गौदान और वस्त्रदान इस दिन श्रेष्ठ माने गए हैं।
🔸 यह कर्म व्यक्ति को पुण्यफल तो देता ही है, साथ ही कर्म दोष और पितृ दोष से भी मुक्ति दिलाता है।


🙏 भगवान विष्णु की पूजा

वैशाख अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। भगवान विष्णु पालक देवता हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है।

🔸 इस दिन श्रीहरि को तुलसी पत्र, दूध, पंचामृत और पीले फूल अर्पित करें।
🔸 “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
🔸 इससे धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।


🕉️ निष्कर्ष

वैशाख अमावस्या केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक और आत्मिक शुद्धि का अवसर है। पितृ दोष जैसी समस्याएं जब कुंडली में होती हैं, तो जीवन में बाधाएं, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और वैवाहिक अड़चनें आती हैं। ऐसे में इन उपायों को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है, और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

तो इस वैशाख अमावस्या पर, पवित्र भाव से ये उपाय करें और पितृ दोष से मुक्ति पाकर अपने जीवन को शुभ और समृद्ध बनाएं।


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