भारतीय शेयर बाजार में 17 अप्रैल को भी गिरावट का रुख देखने को मिला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी आज भी दबाव में नजर आए। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का सीधा असर ग्लोबल मार्केट के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। बीते दिन की तरह आज भी सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
अमेरिका-चीन तनाव ने बिगाड़ा माहौल
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए गए भारी-भरकम 245% टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। चीन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस बयान ने निवेशकों में अनिश्चितता और घबराहट का माहौल पैदा कर दिया है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी साफ दिख रहा है।
अमेरिकी बाजार भी टूटे
अमेरिका और चीन के बीच इस तनाव का असर सिर्फ एशियाई बाजारों तक सीमित नहीं रहा। 16 अप्रैल को अमेरिकी बाजारों में भी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख अमेरिकी इंडेक्स NASDAQ 3% से अधिक टूटकर बंद हुआ। इसी तरह S&P 500 में 2.24% और Dow Jones में 1.73% की गिरावट देखी गई। इस गिरावट ने भारतीय निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि अमेरिकी बाजारों का असर अक्सर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलता है।
निवेशकों में डर का माहौल
बाजार में आई इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण निवेशकों के बीच बना डर और अनिश्चितता है। ग्लोबल स्तर पर जब भी बड़े देशों के बीच व्यापारिक या राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो इसका सीधा असर निवेशकों की धारणा पर पड़ता है। इस समय निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं और सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं।
शुरुआती कारोबार में बाजार का हाल
बुधवार की सुबह जब बाजार खुला तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में थे। शुरुआत से ही बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। सेंसेक्स में करीब 400 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी भी 170 अंकों तक नीचे आया। हालांकि कुछ सेक्टर्स जैसे IT और फार्मा में हल्की खरीदारी देखने को मिली, लेकिन कुल मिलाकर बाजार की चाल नकारात्मक बनी रही।
बाकी एशियाई बाजारों की स्थिति
हालांकि भारत में बाजार दबाव में है, लेकिन एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है:
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जापान का Nikkei 225 आज तेजी के साथ कारोबार करता दिखा।
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हांगकांग का Hang Seng और दक्षिण कोरिया का KOSPI भी मजबूती के साथ खुले।
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चीन का SSE Composite Index में भी हल्की तेजी देखी गई।
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हालांकि ताइवान का TAIEX इंडेक्स गिरावट में रहा।
इससे साफ है कि कुछ एशियाई बाजारों ने अमेरिका-चीन तनाव के बावजूद खुद को संभालने की कोशिश की है।
किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर?
बाजार की गिरावट का असर कुछ खास सेक्टर्स पर ज्यादा देखने को मिला:
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बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। बड़े-बड़े बैंक स्टॉक्स जैसे HDFC Bank, ICICI Bank और SBI में बिकवाली का दबाव रहा।
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मेटल और ऑटो सेक्टर भी लाल निशान में रहे।
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वहीं, IT और फार्मा सेक्टर ने बाजार को थोड़ी राहत दी और इनमें हल्की खरीदारी देखने को मिली।
निवेशकों के लिए सलाह
इस समय बाजार में जो अनिश्चितता है, उसमें निवेशकों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। जानकारों का मानना है कि जब तक अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम नहीं होता, तब तक ग्लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। ऐसे में:
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लॉन्ग टर्म निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
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शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को स्टॉप लॉस के साथ काम करना चाहिए।
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नए निवेश की बजाय मौजूदा पोर्टफोलियो की समीक्षा करना बेहतर रहेगा।
निष्कर्ष
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की गूंज अब भारतीय बाजारों में भी सुनाई देने लगी है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों दबाव में हैं और निवेशकों में डर का माहौल है। जब तक ग्लोबल लेवल पर स्थिरता नहीं आती, तब तक बाजार की चाल अस्थिर रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।