सोने की कीमतें पहले से ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, और अब उनमें और तेज उछाल आने की संभावना जताई जा रही है। इस तेजी के पीछे बड़ा कारण है अमेरिका के फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का बयान, जिसने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है। पॉवेल ने डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर चेतावनी दी है कि इससे महंगाई और बेरोजगारी दोनों बढ़ सकती हैं। उनके मुताबिक, इन नीतियों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है।
फेड चेयरमैन के बयान के बाद तुरंत चढ़े दाम
पॉवेल के इस बयान का असर तुरंत देखने को मिला। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में एक दिन में सबसे बड़ी तेजी देखने को मिली, जो मार्च 2023 के बाद का उच्चतम उछाल है। सोना बढ़कर 3,357.78 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अब निवेशकों का झुकाव एक बार फिर से सुरक्षित निवेश यानी सोने की ओर बढ़ेगा, जिससे इसकी कीमतों में और तेजी आ सकती है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद को लगा झटका
ज्यादातर निवेशक फेड से यह उम्मीद कर रहे थे कि वह ब्याज दरों में कटौती करेगा, लेकिन जेरोम पॉवेल के बयान से यह संभावना क्षीण हो गई है। उनके मुताबिक, टैरिफ नीतियों से उत्पन्न महंगाई को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती नहीं की जाएगी। इस वजह से अमेरिकी शेयर बाजार पर दबाव बढ़ सकता है, और वहां से निकलने वाला पैसा अब सोने या अन्य सुरक्षित एसेट्स की ओर जा सकता है।
बदल रहा है एक्सपर्ट्स का नजरिया
जहां कुछ समय पहले तक बाजार में सोने की कीमतों को लेकर मिश्रित राय थी, वहीं अब अधिकांश विशेषज्ञ बुलिश यानी तेजी की संभावना जता रहे हैं। अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव और अब फेड के टैरिफ पर रुख ने सोने को एक बार फिर निवेश का पसंदीदा माध्यम बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने तो यहां तक कहा है कि यदि ट्रेड वॉर और बढ़ा, तो सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
भारत में भी सोने की कीमतों ने पकड़ी रफ्तार
भारत में भी इसका असर साफ दिख रहा है। यहां 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए 98,000 रुपये के पार पहुंच चुकी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए यह जल्द ही 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छू सकता है।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा माहौल को देखते हुए हर गिरावट को खरीदारी का मौका समझा जाना चाहिए। टैरिफ युद्ध, ब्याज दरों की अनिश्चितता, और आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति में सोना एक भरोसेमंद निवेश विकल्प बना हुआ है।
निष्कर्ष: फेड चेयरमैन के बयान ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है और सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों की ओर धकेल दिया है। आने वाले दिनों में निवेशकों की नजर सोने पर टिकी रहेगी, और इसमें किसी भी गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखा जा सकता है।