मुंबई, 08 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को बांग्लादेश, जापान सहित 14 देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने का ऐलान किया। ट्रम्प प्रशासन ने इस फैसले की औपचारिक जानकारी सभी प्रभावित देशों को पत्र भेजकर दी। नए टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी होंगे। कई देशों पर 25% टैक्स लगाया गया है, जबकि कुछ पर 30% से 40% तक का भारी शुल्क तय किया गया है। दक्षिण कोरिया और जापान को सबसे पहले सूचना दी गई, जिसमें कहा गया कि उनके उत्पादों पर अब 25% टैरिफ लगेगा। ट्रम्प ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि यह कदम अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार में असंतुलन को दुरुस्त करने के लिए जरूरी है। पहले यह घोषणा 9 जुलाई को होने वाली थी, लेकिन अब इसे 1 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है ताकि देशों को अमेरिका के साथ नई डील करने का अवसर मिल सके। ट्रम्प ने अप्रैल में पहली बार सभी अमेरिकी आयात पर 10% बेसलाइन टैक्स लगाने की बात कही थी, साथ ही 60 देशों के लिए अलग-अलग टैक्स की योजना पेश की थी। इसके बाद शेयर और बॉन्ड बाजारों में भारी हलचल हुई थी, जिस पर उन्होंने फैसला कुछ समय के लिए टाल दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रम्प जल्द ही भारत और यूरोपीय यूनियन सहित कई देशों के साथ व्यापार समझौते की घोषणा कर सकते हैं। अमेरिका अब तक ब्रिटेन और वियतनाम के साथ शुरुआती डील कर चुका है, हालांकि इनमें से किसी में भी स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। ब्रिटेन पर 10% टैरिफ और स्टील-एल्युमीनियम पर 25% शुल्क लगाया गया है, जबकि ब्रिटेन अमेरिकी सामानों पर 0% टैक्स लगाएगा। वियतनाम पर अमेरिका ने 20% टैरिफ लगाया है, जबकि वियतनाम की ओर से अमेरिकी सामानों पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया है।
जापान और साउथ कोरिया जैसे अमेरिका के पारंपरिक सहयोगी देशों के साथ अभी तक कोई डील नहीं हो पाई है। इसका कारण इन देशों में आगामी चुनावों के साथ-साथ ट्रम्प का उनके अहम उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की मंशा भी है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के दौरान ट्रम्प ने कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौता लगभग अंतिम चरण में है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत-अमेरिका ट्रेड डील की संभावित शर्तों से दोनों देशों को फायदा होगा। भारत को टेक्सटाइल, दवाइयों और आभूषणों के अमेरिकी बाजार तक बेहतर पहुंच मिल सकती है। साथ ही, 26% रेसिप्रोकल टैरिफ हटने से भारतीय उत्पाद सस्ते होंगे और व्यापार में तेजी आएगी। वहीं अमेरिका को पेकान नट्स, ब्लूबेरी और ऑटोमोबाइल्स जैसे उत्पाद भारत में कम शुल्क पर बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे एशिया में चीन के प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिलेगी।