चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: स्मार्ट सिटी मिशन तो खत्म होने की ओर है, लेकिन उसके तहत बनी विशेष कंपनियों (SPV) की भूमिका अब भी जारी रहेगी। केंद्र सरकार चाहती है कि इन कंपनियों को खत्म करने की बजाय, शहरी विकास, तकनीकी सेवाओं और डाटा प्रबंधन जैसे कामों में उपयोग किया जाए। इसके लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए गए हैं।
चंडीगढ़ की स्मार्ट सिटी कंपनी को 20 मार्च 2025 को बंद कर दिया गया था, क्योंकि लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो चुके थे। लेकिन अब आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय चाहता है कि इस कंपनी का अनुभव और ढांचा बेकार न जाए, और इसे भविष्य में भी शहर की सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाए। सरकार का फोकस SPV को आत्मनिर्भर बनाने पर है, ताकि वे ‘सेंटेज फीस’ और खुद के बिज़नेस मॉडल से चल सकें।
इसके साथ ही केंद्र ने ICCC (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) को और मजबूत बनाने का सुझाव दिया है। इन सेंटरों ने ट्रैफिक, सफाई और सुरक्षा जैसी सेवाओं में काफी सुधार किया है। सरकार चाहती है कि राज्यों में बने ICCC न सिर्फ बनाए रखें जाएं, बल्कि समय के साथ इन्हें अपग्रेड भी किया जाए।
अंत में, जिन शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अभी बाकी हैं, उन्हें दिसंबर 2025 तक प्रोजेक्ट्स खत्म करने और मार्च 2026 तक सभी वित्तीय उपयोग प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया गया है। चंडीगढ़ में 1400 करोड़ से ज्यादा की स्मार्ट योजनाएं पूरी हो चुकी हैं — जिनमें 24 घंटे जलापूर्ति, ITS, स्ट्रीट लाइटिंग और पब्लिक बाइक शेयरिंग जैसी योजनाएं शामिल हैं।