चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ पुलिस विभाग में 10 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। इस घोटाले को लेकर यूटी पुलिस के रिटायर्ड हवलदार जगजीत सिंह ने दो पूर्व आईपीएस अफसरों और दानिप्स कैडर के तीन डीएसपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इन पुलिस अधिकारियों ने टेंडर लीक किए, फर्जी बिल तैयार कर करोड़ों रुपये का गबन किया और सबूतों को भी मिटाने की कोशिश की। जगजीत ने इन अफसरों के खिलाफ शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन साल से यह घोटाला चल रहा था, जहां टेंडर की कीमतें बढ़ाकर बिल तैयार करवाए गए थे। जब सीबीआई और चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, तो जगजीत ने दिल्ली सीवीसी को सबूतों के साथ शिकायत दी, जिसके बाद जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
जगजीत का आरोप है कि उन्होंने सीबीआई डायरेक्टर को भी शिकायत देकर पुख्ता सबूत सौंपे थे, जिसमें बिलों की कॉपी और अन्य दस्तावेज शामिल थे। लेकिन इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी ने शिकायत और सबूतों को ही लीक कर दिया। उनका दावा है कि सीबीआई अधिकारी और पुलिस विभाग के पूर्व एसएसपी मुख्यालय बैचमेट थे, जिसके कारण कार्रवाई में देरी की गई। सीबीआई ने खुद जांच करने के बजाय चंडीगढ़ चीफ विजिलेंस ऑफिसर को पत्र लिखकर मामले की जांच करने को कहा, जबकि यह एक गंभीर घोटाला है।
इस पूरे मामले में घोटाले के कई सबूत मौजूद हैं, लेकिन जांच एजेंसियों ने अभी तक उन्हें बुलाकर साक्ष्य इकट्ठा नहीं किए हैं। जगजीत का यह भी कहना है कि पूर्व डीजीपी के घर हुए ‘एट होम’ कार्यक्रम में भी बिलों की गड़बड़ी की गई थी, जिसके पुख्ता प्रमाण उनके पास हैं। चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) ने चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन शिकायत और महत्वपूर्ण जानकारियां डीजीपी ऑफिस से लीक कर दी गईं। जगजीत अब इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।