चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में स्कूली बच्चों के बीच ‘स्ट्रॉबेरी क्विक’ नाम की कैंडी को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CCPCR) ने दावा किया है कि इस कैंडी के रूप में बच्चों को नशीला पदार्थ बेचा जा रहा है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। आयोग की अध्यक्ष शिप्रा बंसल ने इस मुद्दे को लेकर प्रशासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस कैंडी का वितरण नहीं रोका गया, तो यह बच्चों को नशे की लत की ओर धकेल सकता है।
आयोग ने बताया कि यह ड्रग कैंडी विभिन्न फ्लेवर्स जैसे चॉकलेट, पीनट बटर, कोला, चेरी, अंगूर और संतरा में उपलब्ध है, जिससे बच्चे इसे आसानी से पसंद कर सकते हैं। खासतौर पर स्कूल परिसरों के आसपास इसका बेचा जाना एक गंभीर समस्या बन गया है। इस कैंडी के माध्यम से बच्चों को नशीली दवाओं की ओर धकेला जा रहा है, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। आयोग ने प्रशासन से अपील की है कि वह इस मामले में तत्काल कदम उठाए और इस कैंडी की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाए।
CCPCR ने सुझाव दिया है कि स्कूलों के आसपास पुलिस गश्त बढ़ाई जाए और नशीली दवाओं के लेन-देन पर कड़ी नजर रखी जाए। इसके अलावा, छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को ड्रग्स के खतरे से अवगत कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। आयोग ने इस कैंडी के वितरण में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।