चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: भाजपा ने एक बार फिर से खास अंदाज में विपक्ष को घेरने की तैयारी कर ली है। सोमवार को पार्टी चंडीगढ़ में विधानसभा के विशेष सत्र के समानांतर ‘जनता की विधानसभा’ आयोजित करेगी। यह आयोजन भाजपा प्रदेश कार्यालय के पास बत्रा सिनेमा की पार्किंग में होगा। इस दौरान भाजपा कैग की रिपोर्ट सामने रखकर राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाएगी।
दरअसल, 27 सितंबर 2022 को भी भाजपा ने ऐसी ही जनता विधानसभा का आयोजन किया था। तब आम आदमी पार्टी सरकार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। अब तीन साल बाद, 29 सितंबर को फिर से ऐसा आयोजन हो रहा है। इस बार भाजपा का कहना है कि यह कदम उस विरोध के खिलाफ है, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए 1,600 करोड़ रुपये की राहत राशि को ‘जुमला’ बताया और राज्य आपदा प्रबंधन फंड में पड़े 12,000 करोड़ रुपये को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
हाल ही में विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने पोस्टर लहराकर सदन की कार्यवाही बाधित कर दी थी। स्पीकर को 20 मिनट के लिए सदन स्थगित करना पड़ा। यह विधानसभा के इतिहास में पहली बार था कि सत्ता पक्ष की वजह से सदन को स्थगित करना पड़ा। इसी के बाद भाजपा ने कोर ग्रुप की बैठक कर फैसला किया कि जनता की विधानसभा लगाई जाएगी। इस बार इसकी कमान कार्यकारी प्रधान और पठानकोट के विधायक अश्वनी शर्मा संभालेंगे।
अश्वनी शर्मा ने अपने बयान में कहा कि जब विधानसभा की मर्यादा टूटे, स्पीकर अपना फर्ज भूल जाएं और सत्ता पक्ष जनता की आवाज को दबाने लगे, तब जनता की विधानसभा बुलाना जरूरी हो जाता है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए नियमों से परे जाकर काम कर रही है। अब भाजपा जनता के सामने कैग की रिपोर्ट रखकर सरकार की ‘सच्चाई’ उजागर करेगी।