चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ के डॉक्टर महेश चंद्र द्वारा दायर याचिका को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार की अदालत ने खारिज कर दिया है। यह याचिका निचली अदालत के आदेश के खिलाफ थी, जिसमें डॉक्टर विदुर भल्ला और डॉक्टर राज बहादुर के खिलाफ शिकायत को खारिज कर दिया गया था।
अदालत ने यह स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता पहले ही डॉक्टर भल्ला की नियुक्ति को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दे चुके हैं, इसलिए इस मामले में दोबारा आपराधिक कार्रवाई संभव नहीं है।
डॉक्टर महेश चंद्र ने आरोप लगाया था कि जीएमसीएच सेक्टर-32 के यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टर भल्ला को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त किया गया। उनका कहना था कि डॉक्टर भल्ला केवल शुक्रवार और शनिवार ही अस्पताल आते थे और उनके पास आवश्यक शिक्षण अनुभव नहीं था। हालांकि, न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पाया कि शिकायत में कोई ठोस सबूत नहीं था जिससे यह साबित किया जा सके कि डॉक्टर भल्ला और डॉक्टर राज बहादुर की कोई धोखाधड़ी की मंशा थी।
सेशन कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज और गवाहों के आधार पर यह साबित नहीं किया जा सकता कि अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी था या धोखाधड़ी की मंशा से जारी किया गया था। इस तरह डॉक्टर महेश चंद्र की याचिका खारिज कर दी गई और मामला यहीं समाप्त हुआ।