चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: सिरसा के एक बिजली उपभोक्ता को समय पर सब्सिडी न देने और नियमों में अचानक बदलाव कर उसका हक मारने पर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) को हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने निगम पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया है और यह राशि सीधे शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया है। आयोग ने माना कि निगम ने नियमों की अनदेखी करते हुए उपभोक्ता को उसका हक देने में देरी की।
शिकायतकर्ता रघबीर सिंह ने आयोग को बताया कि उन्होंने औद्योगिक विद्युत कनेक्शन लिया था और तय सब्सिडी के लिए आवेदन किया था। सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद उन्हें यह लाभ नहीं मिला। उनका बिजली कनेक्शन 20 किलोवाट से कम लोड का था और उनकी इकाई 'सी' श्रेणी खंड में आती थी, जो सब्सिडी के दायरे में थी। इसके बावजूद निगम ने उनकी पात्रता को नकारते हुए लाभ देने से मना कर दिया।
आयोग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि रघबीर सिंह पूरी तरह पात्र थे, लेकिन निगम ने बाद में नए नियम लागू कर दिए और उन्हें पुराने आवेदन पर भी थोप दिया। आयोग ने इसे उपभोक्ता के अधिकारों का हनन माना और निगम के रवैये को गलत ठहराते हुए आर्थिक दंड लगाया। यह फैसला अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी एक उदाहरण हो सकता है कि अधिकारों के हनन पर उपभोक्ता न्याय पा सकते हैं।