चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस के बीच नवनीत चतुर्वेदी की कस्टडी को लेकर मंगलवार को पूरे दिन हलचल रही। नवनीत ने हाल ही में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया था और दावा किया कि वह आम आदमी पार्टी के 67 विधायकों के संपर्क में है। इसके बाद पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ करीब 18 आपराधिक मामले दर्ज किए और उसकी कस्टडी लेने के प्रयास तेज कर दिए। चंडीगढ़ पुलिस ने उसकी सुरक्षा संभाली, जिससे दोनों पुलिस बलों के बीच कस्टडी को लेकर तनाव भी देखने को मिला।
पुलिस का कहना है कि नवनीत की कस्टडी जरूरी है ताकि उससे विधायकों के संपर्क की पूरी जानकारी ली जा सके। गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाएगा और इस दौरान उसका 161 का बयान दर्ज किया जाएगा। साथ ही उसका मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर जांच की जाएगी। पुलिस यह भी जानना चाहती है कि कहीं इस मामले में किसी राजनीतिक पार्टी या नेताओं का हाथ तो नहीं।
नवनीत के नामांकन में 20 विधायकों के हस्ताक्षर और मुहरें लगी थीं, जबकि विधायकों ने स्वीकार नहीं किया कि उन्होंने साइन या मुहर लगाई। इसके कारण पुलिस को यह पता लगाना है कि कागजात पर हस्ताक्षर कैसे हुए और मुहरें कहां से आईं। पुलिस रिमांड के दौरान ही कॉल डिटेल रिपोर्ट और डिजिटल डेटा की जांच आगे बढ़ाई जा सकेगी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो संजीव अरोड़ा के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा की सीट के लिए 24 अक्टूबर को मतदान होना है। AAP ने इस सीट पर उद्योगपति रजिंदर गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है, जिनके साथ CM भगवंत मान और संजीव अरोड़ा भी मौजूद रहे। नवनीत चतुर्वेदी के मामले ने पार्टी और चुनाव प्रक्रिया में हलचल पैदा कर दी है और पुलिस लगातार उसकी कस्टडी के लिए प्रयासरत है।