चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: दिल्ली में 10 से 15 साल पुरानी डीज़ल और पेट्रोल गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध के चलते कार मालिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 1 जुलाई को आश्रम पेट्रोल पंप पर एक ई-सीरीज़ मर्सडीज़ को सीज कर डंपिंग यार्ड भेज दिया गया। इस घटना के बाद दिल्ली सरकार की नीति की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है।
कार प्रेमी रतन ढिल्लों ने अपनी 16 साल पुरानी मर्सडीज़ को बचाने के लिए दिल्ली से चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया। उन्होंने X पर लिखा कि यह कार उनके पिता की यादगार है और आज की कई आधुनिक कारों से कम प्रदूषण फैलाती है। NDTV से बातचीत में उन्होंने बताया कि 2008 मॉडल की उनकी Mercedes E280V6 बेहतरीन स्थिति में है, लेकिन सरकार उसे कबाड़ मान रही है।
रतन ढिल्लों ने सवाल उठाया कि क्या ऐसी कारों को स्क्रैप करने से वाकई दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधरेगा? अगर नहीं, तो सरकार कोई और वजह बना लेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की नीतियां उन लोगों के लिए तकलीफदेह हैं जिन्होंने अपनी कारों से भावनात्मक रिश्ता बना लिया है।
रतन की ही तरह दिल्ली के कारोबारी वरुण विज ने भी 2015 में खरीदी गई 84 लाख की मर्सडीज़ को हाल ही में महज ढाई लाख रुपये में बेच दिया। इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर नई बहस शुरू हो गई है। बहुत से लोग सरकार की नीति पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे पर्यावरण सुधार की दिशा में सही कदम बता रहे हैं।