चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: हिमाचल प्रदेश में खालिस्तानी समर्थकों के वाहनों से झंडे उतारने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को बिलासपुर जिले के हिमाचल और पंजाब के बॉर्डर पर स्थित मस्सेवाल गुरुद्वारा साहिब में खालिस्तानी समर्थकों ने एक बैठक की। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश से लौटे नौजवान भी शामिल हुए। बीर शाहपुर ने हिमाचल पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर झंडे उतारने वाले लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो 25 मार्च से पहले शांतिपूर्ण तरीके से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे फोरलेन को बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद हिमाचल प्रशासन से किसी भी तरह की बातचीत नहीं होगी।
धर्म प्रचार कमेटी के प्रधान डॉक्टर खुशहाल सिंह ने हिमाचल प्रशासन से सवाल किया कि संत भिंडरावाले की तस्वीर से उन्हें आखिर क्या समस्या है। उन्होंने कहा कि अगर दाढ़ी और पगड़ी देखकर पंजाबी युवाओं को आतंकवादी कहा जा रहा है, तो यह गलत मानसिकता है। बीर शाहपुर ने कहा कि हिमाचल के लोगों को इस सोच को बदलना चाहिए। उन्होंने पंजाब के श्रद्धालुओं और पर्यटकों से भी अपील की कि अगर हिमाचल में हमारे गुरुओं और पीरों की इज्जत नहीं होती, तो वहां जाने का क्या मतलब है।
हिमाचल से लौटे नौजवानों ने बताया कि जब वे मोटरसाइकिल पर सवार होकर घूम रहे थे और फोटो खींच रहे थे, तब अचानक कुछ लोग आए और उनकी मोटरसाइकिल पर लगे खालिस्तानी झंडे को उतारकर पैरों तले रौंदने लगे। इसके बाद उनकी मोटरसाइकिल को भी हिमाचल पुलिस ने जब्त कर लिया। यह मामला हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, कुल्लू-मनाली, मंडी और कांगड़ा जैसे इलाकों से जुड़ा है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक कीरतपुर-मनाली फोरलेन के रास्ते पहुंचते हैं।
इस विवाद के बाद हिमाचल प्रदेश की सरकारी बसों और वाहनों पर भी असर दिखने लगा है। होशियारपुर में हिमाचल प्रदेश की बसों पर संत भिंडरावाले के पोस्टर चिपकाए गए हैं। वहीं, मोहाली के खरड़ में हिमाचल परिवहन निगम (HRTC) की बस पर हमला किया गया है। इस पूरे घटनाक्रम से हिमाचल और पंजाब के बीच तनाव बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।