चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी अपना मेयर नहीं बना पाई। बीजेपी ने मेयर पद पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद मिले। यह चुनाव न केवल चंडीगढ़, बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि सभी दलों की साख दांव पर लगी थी। हालांकि, चुनाव परिणामों के बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
चंडीगढ़ में हुए इस मेयर चुनाव के परिणामों का असर दिल्ली की राजनीति पर भी पड़ा है। इस चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग ने आम आदमी पार्टी की उम्मीदों को धक्का पहुंचाया। आप का आरोप है कि कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में वोट डाले, जिससे बीजेपी की जीत सुनिश्चित हुई। आप के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर बीजेपी का समर्थन किया और इसका नतीजा यह रहा कि बीजेपी को मेयर पद मिल गया।
यह गठबंधन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की पहल का नतीजा था, लेकिन चुनाव से पहले ही पार्टी के भीतर असंतोष था। कई पार्षद अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके थे, जिनमें जसबीर सिंह लाडी, पूनम देवी और अंजू कत्याल शामिल थे। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी ने अपनी उम्मीदवार प्रेमलता का नाम अंतिम समय में घोषित किया, जिससे पार्टी के भीतर असमंजस की स्थिति बनी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने पहले तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण इसे स्थगित करने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई। मेयर कुलदीप ने अपने कार्यकाल को बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उनका कार्यकाल पांच दिन बढ़ाकर 29 जनवरी तक कर दिया गया था। इस चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिसमें पारदर्शिता और हाथ उठाकर चुनाव कराने की मांग की गई थी।