चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में रामलीला का मंचन इस साल 20 सितंबर से सेक्टर-20 में शुरू होने जा रहा है। इस बार दर्शकों को रावण का एक नया और अनोखा रूप देखने को मिलेगा। रावण की भूमिका निभा रहे अनुभवी कलाकार अशोक चौधरी इस बार 12 किलो वजनी मुकुट पहनकर मंच पर नजर आएंगे। इस मुकुट की लंबाई करीब साढ़े चार फीट है और इसमें रावण के 10 सिरों को बखूबी दर्शाया गया है। खास बात यह है कि यह मुकुट दिल्ली में तैयार करवाया गया है और ट्राईसिटी (चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली) में किसी भी कलाकार ने अब तक इतना भारी मुकुट पहनकर मंचन नहीं किया। इससे पहले 2018 में अशोक ने 10 किलो का मुकुट पहनकर दर्शकों का मन मोह लिया था।
अशोक चौधरी 1984 से रामलीला में रावण का किरदार निभा रहे हैं। शुरुआत में उन्होंने राम का किरदार निभाया, लेकिन 18 साल की उम्र में पहली बार रावण का रोल किया और तब से लगातार 41 सालों से वह यही भूमिका निभा रहे हैं। अशोक बताते हैं कि अब वे मंच पर होते ही रावण के किरदार में ढल जाते हैं और अपने डॉयलॉग्स को जीते भी हैं। 60 साल की उम्र में भी उनका उत्साह और जोश मंच पर देखते ही बनता है।
अशोक केवल अभिनय के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी दमदार आवाज और भव्य पोशाकों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके पास रावण के लिए 7–8 तरह के मुकुट और 6–7 अलग-अलग पोशाकें हैं। इतना ही नहीं, उनका मोबाइल रिंगटोन भी रावण की आवाज में सेट है। अशोक हमेशा कोशिश करते हैं कि हर साल रामलीला में कुछ नया पेश करें, ताकि दर्शकों को खास अनुभव हो। परिवार का भी पूरा सहयोग मिलता है; उनकी मां हर कार्यक्रम स्टेज के सामने बैठकर देखते हैं।
इस बार रामलीला का आरंभ सेक्टर-20 स्थित मंदिर के पास रावण के तप और शिव वरदान के दृश्य से होगा। दर्शकों को रावण के अलग-अलग रूप—तपस्वी, सीता हरण और युद्ध के दशमुख स्वरूप—देखने को मिलेंगे। चंडीगढ़ में सालाना 52 से अधिक जगहों पर रामलीला का आयोजन होता है, लेकिन सेक्टर-20 की रामलीला खास मानी जाती है, क्योंकि यहाँ अशोक चौधरी जैसे अनुभवी कलाकार रावण की भूमिका निभाते हैं। अशोक का मानना है कि रामलीला केवल नाटक नहीं, बल्कि परंपरा और समाज को संदेश देने का माध्यम है।