चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक मंगलवार को राजनीतिक अखाड़े में बदल गई, जब बीजेपी और कांग्रेस पार्षद एक-दूसरे पर टूट पड़े। नींव पत्थर की प्लेट पर नाम लिखने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद कुछ ही मिनटों में जोरदार बहस और फिर धक्का-मुक्की में बदल गया। माहौल इतना गरम हो गया कि बीजेपी पार्षद सौरव जोशी और कांग्रेस पार्षद सचिन गालिब के बीच तीखी नोकझोंक के बाद व्यक्तिगत टिप्पणियां तक हो गईं। आखिरकार सुरक्षा कर्मियों को बीच में आकर स्थिति संभालनी पड़ी।
मामला उस वक्त भड़का जब बीजेपी पार्षद गुरबख्श रावत ने सवाल उठाया कि कुछ विकास परियोजनाओं में नेताओं के नामों को लेकर पारदर्शिता नहीं रखी जा रही। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी हर प्रोजेक्ट में अपने नेताओं के नाम जोड़कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। दोनों दलों के पार्षदों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि पूरी बैठक शोरगुल और हंगामे में बदल गई।
इसके बाद कांग्रेस पार्षद सचिन गालिब ने मीडिया के सामने कहा कि जब किरण खेर सांसद थीं, तब उनके वार्ड में कई कार्यक्रम हुए, लेकिन उन्हें कभी मंच पर बुलाया नहीं गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अब मनीष तिवारी पर झूठे आरोप लगा रही है ताकि विपक्ष की आवाज दबाई जा सके। गालिब ने आरोप लगाया कि बीजेपी को बहस बर्दाश्त नहीं, इसलिए हर मीटिंग में हंगामा खड़ा कर देती है।
उधर, बीजेपी पार्षद सौरव जोशी ने जवाब दिया कि असल विवाद कांग्रेस पार्षद की गलत टिप्पणी से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि मनीष तिवारी सिर्फ शनिवार-रविवार को ही शहर में दिखाई देते हैं, बाकी समय लापता रहते हैं। इस बीच, आम आदमी पार्टी की पार्षद प्रेमलता ने दोनों दलों पर निशाना साधा और कहा कि जब मेयर अपने ही वार्ड की गंदगी नहीं संभाल पा रहीं, तो बाकी वार्डों की हालत का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं — जनता के मुद्दे कहीं पीछे छूट गए हैं।