चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ नगर निगम की योजना थी कि वह पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन लगाकर अतिरिक्त आय जुटाए, लेकिन यह योजना पूरी तरह से विफल हो गई। निगम ने करीब 150 टॉयलेट्स पर विज्ञापन लगाने के लिए तीन बार टेंडर निकाले, लेकिन किसी भी कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। नगर निगम को उम्मीद थी कि इससे हर साल लगभग 5 करोड़ रुपये की कमाई होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब निगम फिर से इस योजना पर विचार कर रहा है और नए शर्तों के साथ टेंडर जारी करने की तैयारी कर रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, तीनों बार टेंडर जारी करने के बावजूद प्री-बिड मीटिंग में कोई भी कंपनी शामिल नहीं हुई। अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम इस समय वित्तीय संकट से जूझ रहा है और सरकारी मदद पर निर्भरता कम करने के लिए वे अब शहर के प्रमुख स्थानों पर स्थित 54 यूनीपोल पर विज्ञापन से आय प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी का कहना है कि टेंडर की शर्तें बहुत सख्त थीं, जिससे छोटे व्यापारियों को इसमें भाग लेने का मौका नहीं मिला।
यह योजना पहले भी कई बार शुरू की गई थी, लेकिन हर बार असफल रही। जो कंपनियां पहले काम शुरू करती थीं, वे बाद में उसे छोड़ देती थीं। कंपनियों का कहना था कि टॉयलेट्स की हालत खराब है, झाड़ियाँ और पेड़ आसपास हैं, जिससे विज्ञापन ठीक से दिखाई नहीं देते। कई जगहों पर तो पहले से लगे यूनीपोल भी नए विज्ञापनों को छिपा देते थे, जिससे योजना सफल नहीं हो सकी।