चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति (CPCC) ने गुरुवार को शहर में धूल प्रदूषण फैलाने पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। सर्दियों में यह जुर्माना दोगुना किया जाएगा।
यह निर्णय CPCC की 75वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता CPCC-सम गृह सचिव मंडिप सिंह ब्रार ने की। बैठक में धूल पैदा करने वाली गतिविधियों जैसे कि 300 वर्ग मीटर से अधिक खुले क्षेत्र में ढीली मिट्टी पर पर्यावरणीय मुआवजे (Environmental Compensation) के लिए SOP (Standard Operating Procedure) को मंजूरी दी गई। हर घटना के लिए मुआवजा ₹5,000 से ₹1,00,000 तक हो सकता है, और बार-बार उल्लंघन करने पर यह बढ़ाया जाएगा। सर्दियों के मौसम (15 अक्टूबर से 15 फरवरी) में मुआवजा दोगुना होगा ताकि बढ़ते वायु प्रदूषण को रोका जा सके।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए CPCC ने निर्देश जारी किए हैं कि बिना उचित पेंट बूथ स्थापित किए खुले में स्प्रे पेंटिंग करना प्रतिबंधित है। आदेश में कहा गया है, “कोई व्यक्ति, दुकान या यूनिट बिना पेंट बूथ और CPCC की सहमति के स्प्रे पेंटिंग नहीं कर सकता। ऐसा करने वाले और उन्हें बिजली कनेक्शन देने वाले सभी लोग तुरंत यह गतिविधि रोकें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई (बिजली काटना और यूनिट सील करना) की जाएगी।” इसे एयर (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981 की धारा 31-A के तहत नोटिस माना जाएगा।
बैठक में समिति ने पहले किए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा की और लंबित मामलों पर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, धूल प्रबंधन, निर्माण और विध्वंस (C&D) कचरा प्रबंधन और ठोस कचरा प्रबंधन में उल्लंघनों पर पर्यावरणीय मुआवजा लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा प्रदत्त विधि को अपनाया गया।
बैठक में CPCC स्टाफ के लिए पद सृजन और सेवा नियम बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया। साथ ही, ई-कचरा प्रबंधन के लिए प्रभावी प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया गया, ताकि नागरिक सही तरीके से ई-कचरा निपटान कर सकें। इसके लिए घर-घर कलेक्शन सेवा उपलब्ध कराई जाए।