चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीसी) ने सर्दियों में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब शहर में वाहनों की पीयूसी जांच कराई जाएगी, सड़कों की सफाई के लिए पानी और मैकेनिकल स्वीपिंग का इस्तेमाल होगा, और सभी श्मशानों में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा।
पर्यावरण निदेशक सौरभ कुमार की अध्यक्षता में हुई 10वीं एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में तय हुआ कि नगर निगम को तुरंत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का प्रस्ताव भेजना होगा। इसके अलावा शहर में पौधारोपण और ग्रीन बफर ज़ोन बनाए जाएंगे, और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के लिए मिले फंड का उपयोग 30 सितंबर तक करना अनिवार्य होगा।
सीपीसीसी ने ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग को निर्देश दिए कि वे वाहनों के एमिशन की जांच करें, निर्माण स्थलों पर कंस्ट्रक्शन वेस्ट और डिमोलिशन वेस्ट की निगरानी करें, और त्योहारों पर पटाखों पर पाबंदी का पालन सुनिश्चित करें। धूल कम करने के लिए एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर और रोड स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। आदेशों की अनदेखी पर पर्यावरण मुआवजा और कानूनी कार्रवाई होगी।
जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी विभागों को 15 दिन के भीतर स्कूल, कॉलेज, बाजार और आरडब्ल्यूए को शामिल करने वाला प्लान तैयार करना होगा। इसमें रेडियो जिंगल, नुक्कड़ नाटक, डोर-टू-डोर अभियान और वर्कशॉप के माध्यम से लोगों को प्रदूषण के खिलाफ शिक्षित किया जाएगा। सौरभ कुमार ने कहा कि साफ हवा पाने के लिए सालभर निरंतर प्रयास और समुदाय की भागीदारी जरूरी है। सभी विभागों को हर महीने की पहली हफ्ते में अपनी अनुपालन रिपोर्ट सीपीसीसी को भेजनी होगी।