चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में शहरी भूमि प्रबंधन को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब शहरी भूमि रिकार्ड का पूरा डिजिटलीकरण और जीआईएस मैपिंग की जाएगी, ताकि हर जानकारी संरचित, सुरक्षित और सभी के लिए सुलभ हो सके। यह काम नक्शा (नेशनल जियोस्पैशल नॉलेज बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हैबिटेशंस) प्रोग्राम के तहत किया जाएगा, जिसे भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) ने डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के हिस्से के रूप में शुरू किया है।
इस पहल से चंडीगढ़ की शहरी भूमि प्रबंधन व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। नागरिकों को न सिर्फ संपत्ति से जुड़े लेन-देन में आसानी होगी बल्कि जमीन से जुड़े विवाद भी कम होंगे। साथ ही शहरी नियोजन को भी नई दिशा मिलेगी, जिससे भविष्य की योजनाएं अधिक संगठित और पारदर्शी बन सकेंगी।
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने इस प्रोग्राम को भूमि प्रबंधन के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे जहां नागरिकों को सुविधा मिलेगी, वहीं नगर निगम की वित्तीय और नियोजन क्षमता भी मजबूत होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे कार्य समय पर पूरा किया जाए और लोगों को इस परिवर्तनकारी पहल के बारे में विस्तार से बताया जाए।
अभी तक मैनुअल प्रक्रिया के कारण लोगों को नक्शा निकालने और फाइल की मंजूरी में दिक्कतें आती रही हैं। कई बार अधिकारियों पर बेवजह फाइल रोकने और दबाकर रखने के आरोप भी लगे हैं। डिजिटलीकरण के बाद न सिर्फ कार्य आसान होगा, बल्कि फाइल की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी संभव होगी। साथ ही अगर कोई अधिकारी बिना कारण फाइल रोकता है तो उस पर कार्रवाई भी हो सकेगी।