चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ के चर्चित दिलजोत होटल फायरिंग केस में वो खुलासा सामने आया है, जिसे चंडीगढ़ पुलिस अब तक नहीं कर पाई थी। मोहाली पुलिस ने इस मामले में तीसरी पिस्टल बरामद कर ली है — वही हथियार जिससे फायरिंग की गई थी। पुलिस ने इस बरामदगी के साथ ही मामले की साजिश का मास्टरमाइंड भी पहचान लिया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी अमन चौहान और रितिक भारद्वाज उर्फ बिल्ला को मोहाली पुलिस ने बुड़ैल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया था। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि फायरिंग में इस्तेमाल की गई तीसरी पिस्टल उन्होंने बुड़ैल के एक पीजी में छिपाई थी। इसके बाद पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को साथ लेकर मौके पर पहुंचकर हथियार बरामद कर लिया। रिमांड के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि बुड़ैल जेल में बंद भोलू ने ही इस पूरे हमले की साजिश रची थी।
गौरतलब है कि 25 सितंबर को अमन चौहान और रितिक उर्फ बिल्ला ने पहले मोहाली और फिर चंडीगढ़ के दिलजोत होटल के बाहर फायरिंग की थी। चंडीगढ़ ऑपरेशन सेल ने दावा किया था कि आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में पता चला कि दोनों ने खुद सरेंडर किया था। खरड़ सीआईए टीम भी इन्हें ट्रेस कर रही थी, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही आरोपियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
उस वक्त पुलिस ने दो पिस्टल बरामद करने का दावा किया था, लेकिन कोर्ट में ये साफ हो गया कि फायरिंग इन्हीं हथियारों से नहीं हुई थी। इसके बाद ऑपरेशन सेल के इंस्पेक्टर रंजीत सिंह को लाइन हाजिर और हेड कॉन्स्टेबल विरेंदर को सस्पेंड किया गया। अब मोहाली पुलिस की कार्रवाई के बाद तीसरी पिस्टल बरामद होने से केस में अहम मोड़ आ गया है और पूरे गिरोह की साजिश की परतें खुल रही हैं।