चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम की 352वीं बैठक को अवैध करार देते हुए कमिश्नर अमित कुमार से मुलाकात की। नेताओं का आरोप है कि बैठक में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अनदेखी की गई और विपक्ष को बाहर निकालकर महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर दिए गए। उन्होंने कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर संपूर्ण प्रक्रिया की पुनः जांच की मांग की।
विपक्षी दलों का कहना है कि वी-3 सड़कों को प्रशासन को सौंपना और मनीमाजरा की कीमती भूमि की बिक्री जैसे अहम मुद्दों को बिना उचित चर्चा और पारदर्शिता के पारित किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की और आप अध्यक्ष विजय पाल सिंह ने बताया कि भाजपा नेतृत्व ने विपक्ष की आपत्तियों को नजरअंदाज किया और उन्हें जबरन बैठक से बाहर निकाला।
एच.एस. लक्की ने विशेष तौर पर कहा कि नगर निगम की संपत्तियां सिर्फ तय शर्तों और अस्थायी जरूरतों पर ही प्रशासन को देनी चाहिए। वहीं, विजय पाल सिंह ने मनीमाजरा की 7.7 एकड़ भूमि की बिक्री को संदिग्ध बताया और सवाल उठाया कि पूरी 19 एकड़ भूमि क्यों नहीं बेची जा रही। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी और भाजपा के कदम में कई अनुत्तरित सवाल हैं।
दोनों विपक्षी दलों ने हाउस मीटिंग को दोबारा बुलाने की मांग की और कहा कि अगर कदम निष्पक्ष हैं तो खुले मंच पर चर्चा क्यों नहीं की जा सकती। विपक्ष ने जोर देकर कहा कि जवाबदेही और पारदर्शिता लोकतंत्र के स्तंभ हैं, जिनका उल्लंघन किया गया है।