चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ की जिला अदालत ने नाबालिग से रेप के एक मामले में आरोपी युवक को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की गवाही में कई विरोधाभास हैं और मेडिकल रिपोर्ट में भी यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में कोर्ट ने आरोपी को शक का फायदा देते हुए रिहा कर दिया।
यह मामला अगस्त 2022 का है, जब एक महिला ने सेक्टर-26 थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 16 वर्षीय बेटी 17 अगस्त को बिना बताए घर से चली गई है। पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज कर जांच शुरू की। करीब तीन महीने बाद 17 नवंबर को मस्जिद के इमाम ने पुलिस को बताया कि नाबालिग लड़की ने आरोपी आदिल के साथ शपथ पत्र के जरिए मस्जिद में शादी कर ली है।
इस जानकारी के बाद पुलिस ने लड़की को ढूंढ निकाला और उसकी काउंसलिंग करवाई। फिर आरोपी आदिल के खिलाफ रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने लड़की का बयान दर्ज किया और आरोपी को जेल भेज दिया।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत में बताया कि वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ गई थी और उसने उसके साथ कोई गलत हरकत नहीं की। अदालत ने पीड़िता के बयानों में विरोधाभास और मेडिकल सबूतों की कमी को देखते हुए आरोपी को बरी कर दिया।