चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: पंजाब में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। प्रदेश में हाल तक बाढ़ के कारण मौतों की संख्या 51 हो गई है। 15 जिलों में करीब 3.87 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 1.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें तबाह हो गई हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना ने लगभग 30 हेलिकॉप्टर लगाए हैं, वहीं बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जमीनी स्तर पर सहायता प्रदान कर रही हैं।
पिछले कुछ दिनों में बारिश कम होने से पानी का स्तर घट रहा है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। पानी सूखने के बाद महामारी फैलने का खतरा अधिक है। पंजाब सरकार बाढ़ के नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे केंद्र सरकार को सबमिट किया जाएगा। पानी कम होने के साथ ही सर्वेक्षण में नुकसान का आकलन और बढ़ रहा है।
बाढ़ प्रभावित कई गांवों में बीमारी फैलने का खतरा गंभीर बना हुआ है। जिला प्रशासन मेडिकल कैंप लगाकर लोगों की जांच कर रहा है। डॉक्टरों की टीमों को नाव, ट्रैक्टर और ट्रॉली के जरिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा जा रहा है ताकि किसी भी तरह की बड़ी बीमारी को रोका जा सके। पानी में सड़ते मवेशियों और कीटों के कारण डेंगू, मलेरिया और हैजा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
अमृतसर जिले में जिला प्रशासन ने पीड़ितों के लिए साझा प्रयास योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्रभावितों को पुनर्वास और आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और छोटे व्यापार बंद हो गए हैं, उन्हें सामाजिक संगठनों और दानदाताओं के माध्यम से मदद पहुंचाई जाएगी। यह अभियान अगले छह महीने तक चलेगा और प्रभावित लोगों की मदद करने पर केंद्रित रहेगा।