चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर (PGIMER) अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल परिचारकों की भारी कमी को गंभीरता से लिया है। गुरुवार को हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस अमन चौधरी शामिल थे, ने एक जाने माने अखबार की 17 जून 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर इस मुद्दे को स्वतः संज्ञान में लेकर इसे रिट याचिका का रूप दे दिया।
अदालत ने रिपोर्ट में सामने आई चिंताओं पर गौर करते हुए कहा कि अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी के कारण मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में स्वीकृत अस्पताल परिचारकों के पदों में से 62% अब तक खाली हैं, जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
पीजीआईएमईआर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ सरकारी वकील अमित झांजी ने अदालत से स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही एक स्टेटस रिपोर्ट दायर करेंगे, जिसमें खाली पदों और भर्ती प्रक्रिया की जानकारी होगी। अदालत ने झांजी की मांग को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख तय की है।
यह मामला इसलिए और भी अहम हो गया है क्योंकि यह संस्थान देश के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में से एक है, जहां रोज़ाना हज़ारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। यदि स्टाफ की कमी दूर नहीं की गई तो इससे न केवल सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होगी, बल्कि मरीजों की जान पर भी बन सकती है। अब देखना होगा कि PGIMER प्रशासन इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है।