चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ पुलिस से आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वर्तमान में यह जांच चंडीगढ़ पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के पास है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि जांच अब तक कहां तक पहुंची है और क्या पुलिस ने किसी निष्कर्ष या तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा कि घटना को एक महीने से ज्यादा हो गया है, इसलिए अब जांच की स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। इस पर चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए कुछ समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 12 नवंबर तय कर दी।
इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार सीबीआई जांच का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा जांच टीम निष्पक्ष रूप से काम कर रही है और अलग एजेंसी की जरूरत नहीं है। वहीं, सीबीआई जांच की मांग एक एनजीओ के अध्यक्ष नवनीत कुमार ने जनहित याचिका के माध्यम से की है।
अदालत ने हालांकि अब तक जांच को सीबीआई को सौंपने में रुचि नहीं दिखाई है। कोर्ट का मानना है कि चूंकि जांच पहले से ही एक तटस्थ एजेंसी यानी चंडीगढ़ पुलिस द्वारा की जा रही है, इसलिए इसमें किसी और एजेंसी को शामिल करना उचित नहीं होगा।