चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: सजा पूरी होने के बावजूद जेलों में बंद सिख बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर कौमी इंसाफ मोर्चा ने शनिवार को चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में जत्थेदार शामिल हुए। बॉर्डर पर सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल और अन्य एजेंसियों की तैनाती की गई है।
चंडीगढ़ पुलिस की एसएसपी कंवलदीप कौर और आईजी राजकुमार भी सुबह से बॉर्डर पर मौजूद रहे। पुलिस ने चंडीगढ़ की सीमाओं पर जवानों को तैनात कर प्रदर्शनकारियों को शहर में घुसने से रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए हैं। शहर के मुख्य मार्गों और प्रवेश स्थलों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
कौमी इंसाफ मोर्चा ने 26 जनवरी को चंडीगढ़ में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है। मोर्चा का कहना है कि यदि उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तो प्रदर्शन को रोक पाना मुश्किल होगा। इससे पहले सात जनवरी को मोर्चा ने पंजाब सीएम आवास घेरने की कोशिश की थी, जिसके दौरान प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में घुसने में सफल रहे थे।
पिछले प्रदर्शन के दौरान सेक्टर-43 के आईएसबीटी के पास पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने तलवार और अन्य हथियारों से हमला किया, जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद मोर्चा ने 25 जनवरी को महापंचायत बुलाकर सिख बंदियों की रिहाई को लेकर रणनीति तय करने का निर्णय लिया था।
महापंचायत से पहले शुक्रवार रात को ही पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर जाने वाले मार्गों को मिट्टी से भरे टिप्परों और बैरिकेड्स से बंद कर दिया। मोहाली और चंडीगढ़ के बीच के सभी रास्तों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी प्रदर्शनकारी को चंडीगढ़ में प्रवेश न करने दिया जाए।