चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: पीजीटी कंप्यूटर साइंस भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश
2019 से लंबित पीजीटी कंप्यूटर साइंस भर्ती प्रक्रिया पूरी न होने से अभ्यर्थियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। अभ्यर्थियों ने 29 जनवरी को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में सरकार से प्रभावी पैरवी की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार ने इस बार मामला सुलझाने में तत्परता नहीं दिखाई, तो वे आंदोलन का रुख अपनाने पर मजबूर होंगे।
परीक्षा पर रोक और हाईकोर्ट का निर्णय
अभ्यर्थियों के अनुसार, हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 1 अक्टूबर 2023 को परीक्षा की तारीख घोषित कर रोल नंबर जारी किए थे। लेकिन हाईकोर्ट में चल रहे मामले के चलते परीक्षा पर रोक लगा दी गई। हालांकि, 3 दिसंबर 2023 को रोक हटा दी गई थी, लेकिन मामला अब भी अदालत में लंबित है। 29 जनवरी को इस पर सुनवाई होनी है, और अभ्यर्थी इसे लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठा रहे हैं।
महाधिवक्ता से मुलाकात और भरोसा
पीजीटी अभ्यर्थियों ने हरियाणा के महाधिवक्ता परमिंद्र चौहान से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। महाधिवक्ता ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि वे मामले की समीक्षा करेंगे और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि 1711 पदों के लिए करीब आठ हजार उम्मीदवार इंतजार कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के अधिकांश स्कूलों में कंप्यूटर साइंस के नियमित अध्यापक नहीं हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सरकार से प्रभावी पैरवी की मांग
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और संबंधित अधिकारियों से मांग की है कि वे हाईकोर्ट में इस मामले को गंभीरता से लें। उनका कहना है कि यदि इस बार भी सरकार की ओर से ठोस प्रयास नहीं किए गए, तो वे अपना विरोध तेज करेंगे। अभ्यर्थियों का मानना है कि सरकार की निष्क्रियता उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।