चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ नगर निगम के चार अहम प्रोजेक्टों में अनियमितताओं की शिकायत सामने आने के बाद निगम आयुक्त अमित कुमार ने तुरंत एक्शन लिया है। उन्होंने दो सुपरिटेंडेंट इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वे इन सभी मामलों की विस्तृत जांच कर दो हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपें। इन प्रोजेक्टों में टेंडर प्रक्रिया, निर्माण की गुणवत्ता और काम के तौर-तरीकों को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
पहला मामला डड्डूमाजरा में चल रहे कम्युनिटी सेंटर के नवीनीकरण से जुड़ा है, जहां निर्माण सामग्री और बजट के उपयोग पर सवाल उठे हैं। दूसरा मामला सूखे और गीले कचरे के प्रोसेसिंग प्लांट के संचालन से जुड़ा है, जिसमें ठेका देने की प्रक्रिया को लेकर शिकायत की गई है। नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सेल के तहत चलने वाले इस प्रोजेक्ट की पारदर्शिता पर संदेह जताया गया है।
तीसरे प्रोजेक्ट की बात करें तो सेक्टर 34-सी और 34-डी की वी5 सड़कों पर पीसीसी टाइल लगाने और मरम्मत के काम को लेकर भी अनियमितता की आशंका है। वहीं चौथा मामला डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड से कचरा हटाने (बायो माइनिंग) से जुड़ा है, जिसमें यह सवाल उठाया गया है कि ठेका किसे और कैसे दिया गया। इन सभी मामलों को देखते हुए नगर निगम ने सख्त रवैया अपनाया है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब चंडीगढ़ नगर निगम में कामों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी सड़क निर्माण, पार्कों की देखभाल और स्ट्रीट लाइट लगाने जैसे कामों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। अब देखना यह होगा कि इन चार बड़े मामलों की जांच के बाद क्या कार्रवाई की जाती है और दोषियों पर कितनी सख्ती दिखाई जाती है।