चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डन को बचाने की मुहिम जोर पकड़ रही है। ‘चंडीगढ़ बचाओ’ समूह के सदस्य खुलकर विरोध में उतर आए हैं और अनोखे तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में पर्यावरण कार्यकर्ता, छात्र, कलाकार और आम लोग शामिल हैं, जो पेड़ों से चिपककर 'चिपको आंदोलन' की तर्ज पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि रॉक गार्डन की दीवार गिराना और 50 से ज्यादा पेड़ों की कटाई करना ऐतिहासिक और पर्यावरणीय विरासत को नुकसान पहुंचाने जैसा है।
विरोध को और असरदार बनाने के लिए चंडीगढ़ के नागरिकों ने एक ईमेल अभियान भी शुरू किया है। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, सांसद मनीष तिवारी, यूटी सलाहकार, वन विभाग, पर्यावरण मंत्रालय और शहरी नियोजन विभाग को लगातार ईमेल भेजे जा रहे हैं, ताकि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करे। 4 मार्च से ‘चंडीगढ़ बचाओ’ समूह द्वारा रॉक गार्डन में रोजाना विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जहां लोग पेड़ों को गले लगाकर अपने इरादे साफ कर रहे हैं कि वे इस हरियाली को कटने नहीं देंगे।
इस पूरे विवाद पर रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद सैनी के बेटे अनुज सैनी ने भी निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस ऐतिहासिक गार्डन की दीवार तोड़ने के बजाय अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि रॉक गार्डन के तीसरे फेज को संरक्षित किया जाए और वेस्ट मटेरियल को भी बचाया जाए। उधर, बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।