चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने बुधवार को जनता की सुनवाई के दौरान बड़ा सख्त संदेश दिया। उन्होंने साफ कहा कि जब लोग अपनी शिकायतें लेकर सरकारी दफ्तरों में आते हैं, तब कोई भी अधिकारी किसी दूसरी मीटिंग या काम में व्यस्त नहीं रह सकता। हर बुधवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होने वाली इस जनसुनवाई के दौरान अफसरों को सिर्फ और सिर्फ जनता की बात सुननी होगी।
प्रशासक कटारिया खुद बिना किसी पूर्व सूचना के सेक्टरेट और डीसी ऑफिस पहुंचे और वहां अधिकारियों की मौजूदगी, कामकाज का तरीका और शिकायतों पर की जा रही कार्रवाई का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग विभागों का दौरा किया और लोगों से बातचीत कर उनकी शिकायतें व सुझाव सीधे सुने। उनका फोकस इस बात पर था कि सिस्टम में कोई लापरवाही तो नहीं हो रही है।
कटारिया ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि इस तय समय के दौरान कोई भी इंटरनल मीटिंग न की जाए और पूरा फोकस आम लोगों की समस्याओं पर हो। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई अधिकारी इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। उनका कहना था कि यह समय जनता के लिए तय किया गया है और इसमें कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि अधिकतर अधिकारी अपने-अपने ऑफिस में मौजूद थे, जो कि सकारात्मक संकेत है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम लोगों को समय पर सेवाएं मिलती रहें। यह औचक निरीक्षण यह संकेत देता है कि प्रशासन जनता की बात सुनने को लेकर गंभीर है और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए खुद मैदान में उतरने को तैयार है।