चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को मनीमाजरा इलाके में बनी एक मस्जिद पर बुलडोज़र चला दिया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। मस्जिद गिराने की इस कार्रवाई के बाद जब अन्य धार्मिक स्थलों को भी तोड़ने की तैयारी हुई, तो स्थानीय लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। विरोध को देखते हुए प्रशासन ने आगे की कार्रवाई रोक दी है। सेक्टर-46 में बने मंदिर को गिराने की योजना थी, लेकिन वहां भी भारी विरोध और भीड़ जमा होने लगी।
कार्रवाई के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया था, इसलिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। स्थानीय महिलाएं भजन-कीर्तन करती नजर आईं, जिससे माहौल और भावुक हो गया। वहीं, कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों को लेकर राजनीति की जा रही है, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं।
मनीमाजरा विकास नगर मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद इरफान ने बताया कि यह मस्जिद कई सालों से बनी हुई थी और यहां 12 साल से छोटे बच्चों को पढ़ाया जाता था। उन्होंने कहा कि मस्जिद के लिए यदि जमीन का कोई भुगतान करना हो, तो वह तैयार थे, लेकिन प्रशासन ने उनकी एक न सुनी और सीधे बुलडोज़र चलवा दिया। उनका कहना है कि उन्होंने काफी विरोध किया लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई।
प्रशासन की अगली कार्रवाई सेक्टर-46 के मंदिर को लेकर होनी थी, लेकिन वहां भीड़ को देखते हुए रोकना पड़ा। पार्षद गुरप्रीत सिंह गापी मौके पर पहुंचे और कहा कि मंदिर पुराना है, यह 1992 में बना था और केवल फाइबर की छत लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की आड़ में राजनीतिक हित साधे जा रहे हैं और कुछ लोग पर्दे के पीछे से तमाशा देख रहे हैं। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए और इसे जनता की भावनाओं से खिलवाड़ बताया।