चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ के प्रमुख क्षेत्र सेक्टर-17 में स्थित एक तीन मंजिला इमारत सोमवार को अचानक ढह गई। राहत की बात यह रही कि प्रशासन ने पहले ही इमारत को खाली करवा लिया था, जिससे किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ। इस घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से हरकत में आ गया है और सुरक्षा के लिहाज से संबंधित एहतियात बरतने के आदेश जारी किए हैं।
इस हादसे के बाद, सेक्टर-17 के एक और इमारत के गिरने का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने इस इमारत को भी असुरक्षित घोषित करते हुए इसे तुरंत खाली करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, इमारत में किसी भी प्रकार की एंट्री पर पाबंदी लगा दी गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इस कदम से मोहाली में हुए हादसे की पुनरावृत्ति से बचने का प्रयास किया जा रहा है।
हादसे के बाद चंडीगढ़ के डीसी ने अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा की दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उल्लेखनीय है कि इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर एक निजी बैंक स्थित है, जिसके लिए इसे खाली करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
दरअसल, यह इमारत कुछ दिन पहले ही रेनोवेशन के दौरान तीन पिल्लरों में दरारों का सामना कर चुकी थी। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने तुरंत इमारत को खाली करने के आदेश दिए थे और चारों ओर बैरिकेड्स लगाकर प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इंजीनियरों की टीम ने इसे असुरक्षित घोषित कर दिया था। हालांकि, सोमवार को यह इमारत ढह गई, तब तक इसे पूरी तरह से खाली किया जा चुका था, और कोई व्यक्ति अंदर नहीं था।
अब, इस घटना के बाद प्रशासन ने इमारत के साथ लगती एक और इमारत को भी असुरक्षित घोषित कर दिया है। सेक्टर-17 में स्थित एससीओ नंबर 181-182 को खतरे में मानते हुए प्रशासन ने इसकी स्थिरता जांचने के लिए एक कमेटी गठित की है। यह जांच इस बात की पुष्टि करेगी कि क्या यह इमारत अब भी सुरक्षित है या इसे भी खाली करना जरूरी है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आदेश जारी किया है कि जब तक एससीओ नंबर 181-182 की संरचनात्मक स्थिरता की जांच पूरी नहीं हो जाती और मंजूरी प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाता, तब तक इमारत और उसके आसपास के इलाके में कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा।
इस पूरी स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। शहर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आगे भी इस प्रकार के उपायों की योजना बनाई जा रही है।
इस घटना ने चंडीगढ़ प्रशासन को और अधिक सतर्क कर दिया है, और वह अब इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लगातार निगरानी रखेगा।