चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: हिमाचल रोडवेज की दो बसों को बिना जरूरी कागजों के चलने पर जब्त कर लिया गया, जबकि एक बस का चालान चंडीगढ़ में किया गया। यह कार्रवाई एसटीए के मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर ने शुक्रवार रात को की थी। जब्त की गई बसों को बाद में सेक्टर-17 स्थित पुलिस थाने में खड़ा कर दिया गया। इन बसों के चालकों के पास न तो लाइसेंस, आरसी और न ही इंश्योरेंस का कोई दस्तावेज था, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई।
इस कार्रवाई के बाद हिमाचल रोडवेज के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने प्रबंधन पर दबाव डालना शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी बसों को जल्दी छुड़ाया नहीं गया, तो वे चंडीगढ़ में अपनी बसें नहीं लेकर जाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी धमकी दी कि चंडीगढ़ से आने वाली बसों को हिमाचल में रोका जाएगा। मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचने पर अधिकारियों ने दखल दिया और एक बैठक बुलवाई।
शनिवार शाम को, सेक्टर-17 के आईएसबीटी पर एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद, देर शाम बसों को छोड़ने का निर्णय लिया गया। एसटीए के अधिकारी ने बताया कि बसों के चालकों ने आवश्यक कागजात नहीं दिखाए, जिसके कारण वे कार्रवाई के शिकार बने। जिन बस चालकों ने कागजात दिखाए थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
एसटीए अधिकारियों के अनुसार, रूटीन चेकिंग के दौरान बस चालकों से लाइसेंस, आरसी, और इंश्योरेंस के दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन वे इन्हें प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे। जिसके बाद उन बसों को जब्त कर लिया गया। हालांकि, शनिवार शाम जब चालकों ने सही दस्तावेज प्रस्तुत किए, तब बसों को छोड़ दिया गया और कार्रवाई समाप्त की गई।
हिमाचल रोडवेज की बसों की कागजी कार्रवाई को लेकर यह विवाद समाप्त हो गया है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच तनाव को बढ़ा दिया था। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।