चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ की एनजीओ युवसत्ता ने शनिवार को पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-11, चंडीगढ़ के सहयोग से शांति के पोषक पुरस्कार समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के 24 अनुकरणीय प्रिंसिपलों और शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान, ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त कैरोलिन रोवेट, एनसीएलटी मुंबई की सदस्य जज रीता कोहली, इंटरसॉफ्ट डेटा लैब्स के प्रबंध निदेशक संदीप पासी, मुकट हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट की एडमिनिस्ट्रेशन डायरेक्टर हरमिंदर बत्रा और युवसत्ता के संस्थापक एवं मुख्य समन्वयक प्रमोद शर्मा जैसी प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। प्रमोद शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि युवसत्ता 1990 से महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इनमें महिला डेस्क की शुरुआत, हिमाचल प्रदेश में पहले महिला पुलिस थानों का शुभारंभ, कुड़ियां दी लोहड़ी जैसे सार्वजनिक उत्सव, गर्ल स्टार्स अवॉर्ड्स, गर्ल्स कार्निवल, पिंक टर्बन कैंपेन और एसडीजी-5 कम्पेटिबल चंडीगढ़ 2030 के लिए अभियान जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
इस समारोह में विभिन्न शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इनमें केबी डीएवी स्कूल की सीनियर को-ऑर्डिनेटर अनुराधा जैरथ, मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, मोहाली की डायरेक्टर प्रिंसिपल धृति मल्होत्रा, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, मोहाली की प्रिंसिपल गुरप्रीत कौर प्रकाश, शिवालिक पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल गुरकिरण जीत, गुरु नानक पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल गुरनाम कौर ग्रेवाल और भवन विद्यालय, पंचकूला की प्रिंसिपल गुलशन कौर का नाम प्रमुख रहा। इनके अलावा, मुकट हॉस्पिटल की एडमिनिस्ट्रेशन डायरेक्टर हरमिंदर बत्रा, सेंट स्टीफंस स्कूल के वाइस प्रिंसिपल जॉन जेवियर, चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के एचओडी जेपी कांत, पैरागॉन स्कूल, मोहाली की प्रेसिडेंट कुलवंत कौर शेरगिल समेत अन्य शिक्षकों को भी उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान, वक्ताओं ने शिक्षा और समाज में शांति और सौहार्द्र स्थापित करने में शिक्षकों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे शिक्षा के माध्यम से युवाओं में नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित की जा सकती है। युवसत्ता के इस प्रयास की सराहना करते हुए अतिथियों ने ऐसे आयोजनों को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर काम कर सकें।