पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जो आक्रामक रुख अपनाया है, उसने पाकिस्तान में कोहराम मचा दिया है। भारत के एक के बाद एक कड़े फैसलों से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है। कभी सिंधु जल संधि को स्थगित करना, तो कभी झेलम नदी में अतिरिक्त पानी छोड़कर पाकिस्तान में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर देना — इन कदमों ने पाकिस्तान को चारों ओर से संकट में डाल दिया है।
भारत के कड़े रवैये का असर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में साफ दिखने लगा है। ताजा जानकारी के मुताबिक, पीओके में प्रशासन ने आपातकाल जैसे हालात को देखते हुए कुछ कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। सबसे बड़ा कदम यह उठाया गया है कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। प्रशासन ने सभी डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को तत्काल प्रभाव से अपनी ड्यूटी पर हाजिर रहने का आदेश दिया है।
सैन्य एक्शन के डर से पाकिस्तान में हलचल
भारत के ताबड़तोड़ एक्शन से पाकिस्तान को यह डर सता रहा है कि कहीं भारत कोई सैन्य कार्रवाई न कर दे। भारतीय सेना पहले भी पीओके में दो बार सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर चुकी है, जिससे पाकिस्तान को गहरा झटका लगा था। इसी आशंका के चलते पाकिस्तान ने एहतियाती कदम उठाते हुए झेलम घाटी के सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा है।
25 अप्रैल को झेलम घाटी के स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी चिकित्सा कर्मी तत्काल प्रभाव से अपनी ड्यूटी पर लौटें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। यह आदेश इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान अंदर ही अंदर किसी बड़े खतरे की आशंका से कांप रहा है।
बढ़ती घबराहट और तैयारियां
पीओके में स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द करना यह दिखाता है कि भारत के सख्त तेवरों ने पाकिस्तान को किस कदर चिंता में डाल दिया है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पीओके में मौजूद आतंकियों के लॉन्चिंग पैड से भारत में घुसपैठ की नई कोशिशें हो सकती हैं। इसी खतरे को भांपते हुए भारतीय सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है और किसी भी संभावित घुसपैठ को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने और झेलम नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ने के फैसले से पाकिस्तान में जल संकट और संभावित बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान के कई इलाके पानी के बढ़ते स्तर के चलते प्रभावित हो सकते हैं। इन हालातों से निपटने के लिए पाकिस्तान प्रशासन के हाथ-पैर फूले हुए हैं।
दवा संकट भी बना चिंता का विषय
भारत के सख्त फैसलों का असर सिर्फ सुरक्षा मोर्चे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पाकिस्तान में दवा संकट भी गहराने लगा है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ने दवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए आपातकालीन तैयारी शुरू कर दी है। देश में दवाओं की भारी कमी हो सकती है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान के औषधि नियंत्रण विभाग ने दवाओं की आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर विचार करना शुरू कर दिया है। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
भारत का सख्त संदेश
पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो सख्त निर्णय लिए हैं, वे न सिर्फ पाकिस्तान के लिए चेतावनी हैं, बल्कि पूरी दुनिया को भी यह संकेत दे रहे हैं कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। सिंधु जल संधि को स्थगित करना, तीसरे देशों के जरिए हो रहे व्यापार को रोकना, और सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाना — ये सारे कदम भारत की नई रणनीति को दर्शाते हैं।
भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और हर तरह से अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। पाकिस्तान के लिए यह स्थिति बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।