श्रीनगर आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, और सीजफायर उल्लंघन, आतंकी गतिविधियों, और भारत के खिलाफ पाकिस्तान के मंसूबों को लेकर लगातार सख्त कदम उठाए हैं। हालांकि, इस दौरान एक और खबर सामने आई है, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से जुड़ी हुई है। शाहबाज शरीफ को एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो उनकी बवासीर (Hemorrhoids) बीमारी से जुड़ी है। इस बीमारी के चलते उनकी तबियत काफी बिगड़ रही है, और उन्हें रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया है। फिलहाल उनकी तबियत के बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
बवासीर क्या है?
बवासीर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे आमतौर पर पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी मलाशय और गुदा क्षेत्र से जुड़ी होती है, जिसमें मल त्याग के दौरान दर्द और परेशानी होती है। बवासीर के कारण गुदा क्षेत्र में सूजन, मस्से, और गांठें बन सकती हैं, जिससे शारीरिक असुविधा होती है। इस बीमारी में मल त्याग करने में परेशानी आती है, और व्यक्ति को कई बार इस दौरान दर्द और जलन का सामना करना पड़ता है।
बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कब्ज, जोर लगाकर मल त्यागना, लंबे समय तक एक जगह बैठना, गर्भावस्था, ओबेसिटी (मोटापा), और आनुवंशिक कारण। यह बीमारी अब सिर्फ वृद्धों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं में भी यह समस्या बढ़ रही है, विशेष रूप से अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण। इस बीमारी से न केवल असहजता होती है, बल्कि यह रक्तस्राव और खून की कमी का कारण भी बन सकती है।
बवासीर कितनी खतरनाक हो सकती है?
बवासीर एक दर्दनाक और असुविधाजनक बीमारी है, जो विभिन्न जटिलताओं का कारण बन सकती है। इसके कारण गुदा क्षेत्र में थक्के (blood clots) बन सकते हैं, जिससे रक्तस्राव हो सकता है और शरीर में खून की कमी हो सकती है। यह बीमारी आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार की हो सकती है, जिसमें आंतरिक बवासीर गुदा के अंदर होती है, जबकि बाहरी बवासीर गुदा के बाहर होती है।
बवासीर के शुरुआती लक्षण
बवासीर के लक्षणों की पहचान करना जरूरी है, ताकि समय रहते उपचार किया जा सके। डॉ. आयुष पांडे, जो गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में कार्डियोवैस्कुलर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि बवासीर के लक्षण अक्सर स्पष्ट होते हैं, लेकिन लोग इन लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते हैं।
बवासीर के शुरुआती लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
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शौच के बाद पेट साफ न होना।
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गुदा क्षेत्र में मस्से और गांठें बनना।
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गुदा के पास खुजली होना या लाल होना।
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मल के साथ बलगम का आना और ज्यादा मल करने की इच्छा होना।
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शौच के दौरान जलन महसूस करना।
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मल त्याग के दौरान दर्द होना।
बवासीर से बचाव के उपाय
यह बीमारी केवल इलाज से ही नहीं, बल्कि रोकथाम से भी बची जा सकती है। इसके लिए कुछ खास उपायों का पालन किया जा सकता है। यदि बवासीर के शुरुआती लक्षणों को पहचाना जाए और उपचार जल्द शुरू किया जाए तो इससे गंभीर समस्याएं नहीं उत्पन्न होतीं।
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डाइट में उच्च फाइबर युक्त आहार शामिल करें, जैसे कि ताजे फल, हरी सब्जियाँ, और साबुत अनाज।
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पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और कब्ज की समस्या से बचा जा सके।
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मल त्याग करते समय जोर न लगाएं। अगर यह समस्या लगातार हो रही हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
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नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और कब्ज जैसी समस्याएं कम होती हैं।
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गुदा क्षेत्र को साफ रखें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
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जंक फूड के सेवन को सीमित करें और वेट मैनेजमेंट का ध्यान रखें।
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शौच की सही आदतों को अपनाएं और लंबे समय तक एक जगह न बैठें।
शाहबाज शरीफ की बीमारी पर विचार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की हालत में बवासीर की बीमारी के कारण गिरावट आ रही है, और इस समस्या ने पाकिस्तान की राजनीति में भी कुछ उथल-पुथल पैदा कर दी है। उनके स्वास्थ्य में आई गिरावट को लेकर पाकिस्तान के अस्पतालों और उनके राजनीतिक भविष्य पर कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, यह बीमारी गंभीर तो हो सकती है, लेकिन इसका समय रहते इलाज किया जा सकता है।
इस बीमारी से परेशान शाहबाज शरीफ के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, और उनकी राजनीति में शामिल होने की संभावनाओं को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। उनका इलाज जारी है, और यह देखा जाएगा कि उनकी सेहत में सुधार होता है या नहीं।
निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि बवासीर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। इसका समय रहते इलाज और सही उपायों से रोका जा सकता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को इस बीमारी से जूझते हुए अपनी सेहत में सुधार लाना होगा, और इस दौरान भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में बने तनाव के बीच यह घटनाक्रम और भी महत्वपूर्ण हो गया है।