वैश्विक भू-राजनीति और व्यापार जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज बुसान में मुलाकात की। छह साल के लंबे अंतराल के बाद हुई यह द्विपक्षीय बैठक, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रहे व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने अपनी-अपनी उच्च-स्तरीय टीमों के साथ गहन चर्चा की और बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए अपने विचारों को साझा किया।
द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार समझौते पर आशावाद
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक असंतुलन और प्रौद्योगिकी पर प्रभुत्व को लेकर प्रतिस्पर्धा चरम पर है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को "टफ निगोशिएटर" बताते हुए उनकी प्रशंसा की, लेकिन साथ ही दोनों देशों के बीच "एक अच्छा रिलेशन" होने पर जोर दिया। ट्रंप ने आशा व्यक्त की कि यह बैठक सफल होगी और बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। इस सकारात्मक माहौल को देखते हुए, राष्ट्रपति ट्रंप ने 2026 में चीन की यात्रा की योजना का भी संकेत दिया, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम होगा।
शी जिनपिंग का यथार्थवादी दृष्टिकोण: टकराव सामान्य, साझेदारी आवश्यक
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी ट्रंप से मिलकर खुशी व्यक्त की और दोनों देशों के संबंधों पर एक यथार्थवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने स्वीकार किया कि दोनों बड़े आर्थिक शक्तियों के बीच "अकसर सहमत नहीं होना" और "टकराव होना भी नॉर्मल बात है"। हालाँकि, जिनपिंग ने दृढ़ता से यह भी कहा कि चीन और अमेरिका को बिजनेस पार्टनर और दोस्त होना चाहिए।
व्यापार समझौते के संबंध में, चीनी राष्ट्रपति ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि डील पर "बेसिक सहमति बन गई है" और इसे फाइनल करने के लिए चर्चा चल रही है। जिनपिंग का यह बयान वैश्विक बाजारों के लिए एक बड़ी राहत है, जो लंबे समय से इस व्यापारिक अनिश्चितता के अंत की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देश "मिलकर काम कर सकते हैं" और "एक दूसरे की तरक्की में मदद कर सकते हैं"।
विश्व शांति और संवेदनशील क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग
व्यापार के अलावा, इस बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा युद्धविराम के प्रयासों के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप विश्व शांति को लेकर चिंतित रहते हैं और संवेदनशील क्षेत्रीय मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रयास करते हैं। जिनपिंग ने उल्लेख किया कि ट्रंप ने न केवल गाजा युद्धविराम में योगदान दिया, बल्कि मलेशिया यात्रा के दौरान कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर शांति समझौता कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपनी पिछली मुलाकात के बाद से हुए कूटनीतिक संवाद पर प्रकाश डालते हुए, जिनपिंग ने बताया कि छह साल बाद व्यक्तिगत रूप से मिलने के बावजूद, वे इस बीच तीन बार फोन पर बात कर चुके हैं और कई पत्रों का आदान-प्रदान किया है, यानी दोनों नेताओं के बीच संपर्क बना रहा है।
अपने संबोधन के अंत में, चीनी राष्ट्रपति ने भविष्य के लिए एक मजबूत संदेश दिया। उन्होंने कहा कि तमाम उतार-चढ़ावों और चुनौतियों का सामना करते हुए भी, चीन-अमेरिका संबंधों को निरंतर आगे बढ़ाना सुनिश्चित करना चाहिए। यह बयान दोनों देशों के नेताओं की जटिल वैश्विक परिदृश्य में साझेदारी की आवश्यकता को दर्शाता है।
बुसान में हुई यह शिखर बैठक न केवल व्यापार समझौते पर प्रगति का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि दुनिया की दो प्रमुख शक्तियां मतभेदों के बावजूद, वैश्विक स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए सहयोग की राह तलाशने को तैयार हैं। आने वाले महीनों में, फाइनल ट्रेड डील और राष्ट्रपति ट्रंप की प्रस्तावित चीन यात्रा, इन संबंधों की नई दिशा को स्पष्ट करेगी।