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क्या AI से हो जाएगा सभी बीमारियों का खात्मा? जानें क्या कहते हैं गूगल डीपमाइंड के CEO

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Posted On:Tuesday, April 22, 2025

आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने विज्ञान और चिकित्सा की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसी बीच, गूगल डीपमाइंड के को-फाउंडर और सीईओ डेमिस हसबिस का बयान सामने आया है, जिसने दुनियाभर के वैज्ञानिक और टेक्नोलॉजी प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। हसबिस का कहना है कि अगले दशक में AI सभी बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हो सकता है, और यह मानव स्वास्थ्य में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

हसबिस का बड़ा दावा: "AI खत्म कर सकता है सभी बीमारियां"

डेमिस हसबिस ने 20 अप्रैल 2025 को एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कहा कि एक मेडिसिन को डिजाइन करने में अभी जहां 10 साल और अरबों डॉलर खर्च होते हैं, वहीं AI इस प्रक्रिया को महीनों या हफ्तों में पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा, “एक दिन ऐसा आएगा जब हम AI की मदद से लगभग सभी बीमारियों को खत्म कर पाएंगे।”

क्या यह संभव है?

48 वर्षीय ब्रिटिश वैज्ञानिक हसबिस ने इस सवाल पर कहा, "मुझे नहीं लगता कि ऐसा क्यों नहीं हो सकता। संभव है कि अगले 10 वर्षों में यह हकीकत बन जाए।" उन्होंने इसे वैज्ञानिक क्षेत्र में एक नई क्रांति बताया।

वैज्ञानिक समुदाय का मिला समर्थन

हसबिस के इस साहसिक दावे को टेक्नोलॉजी और AI समुदाय के कई दिग्गजों का समर्थन मिला है। Perplexity AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने सोशल मीडिया पर हसबिस की सराहना करते हुए लिखा कि "डेमिस एक जीनियस हैं और उन्हें इस काम को करने के लिए दुनिया के सारे संसाधन मिलने चाहिए।"

AI का कमाल: एक साल में 200 मिलियन प्रोटीन की मैपिंग

हसबिस ने बताया कि AI ने एक साल में करीब एक अरब साल के बराबर का काम कर दिखाया है, जिसमें 200 मिलियन से अधिक प्रोटीन स्ट्रक्चर को मैप किया गया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले एक पीएचडी छात्र को केवल एक प्रोटीन स्ट्रक्चर पर काम करने में सालों लग जाते थे, लेकिन अब AI की मदद से यह काम सेकंडों में संभव हो गया है।

बीमारी का इलाज अब ड्रग डिजाइनिंग से

AI के इस नए युग में, वैज्ञानिक न सिर्फ बीमारी की पहचान कर सकते हैं, बल्कि उस प्रोटीन के खास हिस्से को टारगेट कर सटीक दवाएं और ड्रग्स भी डिजाइन कर सकते हैं। यह चिकित्सा विज्ञान में एक बहुत बड़ा बदलाव है, जो आने वाले समय में इलाज को न केवल तेज बनाएगा, बल्कि सस्ता और ज्यादा प्रभावशाली भी बना सकता है।

नई एजेंटिक ब्राउजर की भी तैयारी

AI क्षेत्र में हो रही इस प्रगति के बीच, Perplexity AI एक नया एजेंटिक ब्राउजर लॉन्च करने की तैयारी में है, जो गूगल क्रोम को टक्कर देगा। यह ब्राउजर AI-संचालित होगा और यूजर्स को नई तरह की ब्राउज़िंग एक्सपीरियंस देगा।

निष्कर्ष

डेमिस हसबिस का यह दावा भले ही अभी कुछ लोगों को कल्पना जैसा लगे, लेकिन AI की प्रगति को देखते हुए यह भविष्य की हकीकत बन सकता है। आने वाले वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र में AI किस तरह का बदलाव लाएगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा। अगर हसबिस की भविष्यवाणी सच होती है, तो यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक होगी।


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