चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ पुलिस ने रोहतक, हरियाणा में दर्ज FIR से जुड़े आठ पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं। यह जांच IPS अधिकारी वाई पुराण कुमार की इस महीने की शुरुआत में हुई आत्महत्या से संबंधित है। सूत्रों के मुताबिक, इन बयानों का उद्देश्य अधिकारी की मौत के पीछे की परिस्थितियों की पुष्टि करना है, खासकर 6 अक्टूबर को रोहतक अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के संबंध में। FIR में कुमार के स्टाफ सदस्य सुशील कुमार का नाम था। शराब ठेकेदार प्रवीण बंसल ने आरोप लगाया कि सुशील ने अपने व्यवसाय को बिना रोक-टोक चलाने के लिए ₹2.5 लाख मासिक की मांग की थी। यह FIR उसी दिन दर्ज हुई थी जब अगले दिन कुमार का शव चंडीगढ़ में मिला।
जांच सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन कर रही है, जो इस मामले की पड़ताल पुराण कुमार की पत्नी अमनीत द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर कर रही है। अमनीत, जो IAS अधिकारी हैं, ने दावा किया कि FIR फर्जी थी और हरियाणा DGP शत्रुजीत सिंह कपूर के निर्देशों के तहत रची गई साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति के स्टाफ सदस्य सुशील के खिलाफ झूठी जानकारी ने भारी दबाव बनाया, “जिसने उन्हें अंतिम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।” उन्होंने अधिकारियों से FIR की सच्चाई और घटनाओं के क्रम की जांच करने का अनुरोध किया।
जांच अधिकारियों ने रोहतक पुलिस से FIR, डेली डायरी रिपोर्ट (DDR) की प्रविष्टियों, शिकायतकर्ता की पहचान और सुशील कुमार की गिरफ्तारी की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है। पुलिस यह भी देख रही है कि शिकायतकर्ता और रोहतक अधिकारियों के बीच किसी प्रकार का दबाव या अनुचित प्रभाव तो नहीं था। दर्ज बयान उन पुलिसकर्मियों के हैं जो FIR और चंडीगढ़ में IPS अधिकारी के कार्यकाल के महत्वपूर्ण समय पर मौजूद थे।
पुलिस का कहना है कि इन बयानों और दस्तावेजों की समीक्षा यह तय करने में मदद करेगी कि क्या रोहतक FIR सच में वह अंतिम कारण बनी जिसने अधिकारी को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा प्रवीण बंसल और पूर्व SP रोहतक नरेंद्र बिजार्निया से भी पूछताछ की जाएगी। FIR में नामित PSO सुशील कुमार से भी सवाल किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जांच का मकसद यह देखना है कि क्या FIR तुरंत ट्रिगर थी और क्या इसमें किसी तरह की साजिश शामिल थी।